पटना. पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जिलों को 27 जनवरी तक बूथों के भौतिक सत्यापन करने का निर्देश दिया है.
बूथों के निर्धारण के बाद विधानसभा के तर्ज पर हर बूथ का नाम और उसकी संख्या को दर्ज किया जाना आवश्यक है.
बूथों के नाम और उसकी संख्या दर्ज होने से पोलिंग पार्टी को सही बूथ तक पहुंचने में कोई परेशानी नहीं होगी. पंचायत चुनाव में 700 मतदाताओं पर एक बूथ का गठन किया जाना है.
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने के लिए राज्यभर में करीब एक लाख 20 हजार बूथ स्थापित किये जाने हैं. आयोग द्वारा पंचायत चुनाव कराने के लिए बूथों के भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है. इसके लिए जिलों को सात दिनों का समय दिया गया है.
20 जनवरी से बूथों का सत्यापन किया जा रहा है. बूथों के सत्यापन के बाद 28 जनवरी को बूथों के प्रारूप का प्रकाशन किया जायेगा.
जिलों को कहा गया है कि बूथों के गठन में इस बात का ध्यान रखा जाना आवश्यक है कि वह किसी भी मतदाता के घर से दो किलोमीटर से अधिक दूर नहीं हो. साथ ही मतदान केंद्र के सत्यापन में इसका ध्यान रखा जाना चाहिए कि कोई भी बूथ जर्जर भवन में नहीं होना चाहिए. उन बूथों की जांच भी की जानी चाहिए, जो पिछले पंचायत चुनाव के दौरान किन्हीं कारणों से विवादित रहा हो तो उसकी भौतिक सत्यापन किया जाना चाहिए.
भौतिक सत्यापन के बाद मतदाताओं से बूथों के दावा-आपत्ति की मांग होगी. मतदान केंद्रों अंतिम सूची का प्रकाशन दो मार्च को किया जायेगा.
Posted by Ashish Jha