राजस्थान की गहलोत सरकार भाजपा के कार्यकाल में चार्जशीट किए गए तीन अधिकारियों को बचाने के लिए स्पेशल कोर्ट में दस्तक दी है. मामला कथित भूमि घोटाले में भ्रष्टाचार से जुड़ा है. जिसमें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत राजस्थान के तीन प्रशासनिक पदाधिकारियों पर शिकंजा कसा गया था. जिन तीन अधिकारियों पर इस मामले में गाज गिरी थी उनमें जीएस संधू, निष्कम दिवाकर और ओंकार मल सैनी शामिल हैं.
राजस्थान की कांग्रेस सरकार एक रिटायर आइएएस अधिकारी समेत तीन चार्जशीटेड अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा वापस लेने की गुहार स्पेशल कोर्ट में की है. कथित भूमि घोटाले में भ्रष्टाचार के आरोप में लिप्त रहने के आरोप में तीनों अधिकारी चार्जशीटेड हैं. राज्य सरकार ने आवेदन देकर केस वापस लेने की सिफारिश कोर्ट के सामने की है.
जिन तीन अधिकारियों के लिए सरकार कोर्ट गई है उनमें एक रिटायर्ड आइएएस जीएस संधू हैं जो अभी राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के सलाहकार है. राजस्थान प्रशासनिक सेवा से रिटायर्ड अधिकारी निष्कम दिवाकर और वर्तमान RAS अधिकारी ओंकार मल सैनी भी इनमें शामिल हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, संधू 2010-11 में शहरी विकास और आवास (यूडीएच) विभाग के प्रधान सचिव थे. निष्कम दिवाकर इसी विभाग में उप सचिव थे और ओंकार मल सैनी जयपुर विकास प्राधिकरण के डिप्टी कमिश्नर पद को संभाल रहे थे. तीनों के खिलाफ साल 2015 -2016 में चार्जशाीट दाखिल की गई थी. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने चार्जशाीट में लिखा कि एक निजी कंपनी को गलत तरीके से आवास निर्माण संबंधित जमीन देने में तीनों ‘आपराधिक साजिश’ का हिस्सा रहे थे.
Posted By :Thakur Shaktilochan