Budget 2021: इन दिनों देश में बीमा को लेकर विशेष ध्यान दिया गया है. जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं उनके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना जैसे सुविधायुक्त योजनाओं को लांच किया है. इसके अलावा सरल जीवन बीमा योजना भारत सरकार ने शुरू किया है. ऐसे में आने वाले बजट से उम्मीदे और बढ़ गई है. बीमा कंपनियां उम्मीद कर रही है कि सरकार इसबार के बजट में ऐसा कुछ करेगी जिससे बीमा कराने वालों की संख्या में इजाफा होगा.
गौरतलब है कि 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 का बजट केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी. यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट होगा. जिसको लेकर बीमा कंपनियों को भी काफी उम्मीदें है. बता दें, मौजूदा दौर में आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत करदाता बीमा, एफडी, पीपीएफ समेत अन्य निवेश पर 1.5 लाख तक की छूट का लाभ लेते हैं. ऐसे में अगर लाभ उठाने की अधिकतम सीमा को बढ़ाया जाता है तो इससे बीमा को लेकर लोगों में और जागरुकता आएगी.
वित्तीय मामलों से जुड़े लोगों का कहना है कि भारत में अभी भी कई लोग ऐसे हैं जो बीमा को आवश्यकता की बजाये एक खर्च समझते हैं. ऐसे में समाज का एक बड़ा भाग बीमा नहीं करवाता है. ऐसे में सरकार इस बजट में नई इंश्योरेंस स्कीम देकर बीमा को बढ़ावा दे सकती है. जिससे लोग बीमा को अधिक महत्व देंगे, और लाइफ इंश्योरेंस खरीदने के लिए उनका उत्साह बढ़ेगा.
गौरतलब है कि, केंद्र सरकार ने 2015 में बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश को 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी कर दी थी. लेकिन इसे और बढ़ाने की मांग लगातार हो रही है. ऐसे में, उम्मीद है कि इसबार के बजट में सरकार विदेशी निवेश की लिमिट 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी कर सकती है. आईआरडीएआई के अधिकारी इसको लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात भी कर चुके है.
हाल के दिनों में बीमा को लेकर लोगों का रुझान बढ़ा है. गवर्मेंट सर्विस सेक्टर से जुड़े लोगों को अलावा अब कम आय वाले और प्राइवेट सेक्टर से जुड़े लोग भी बीमा करवा रहे हैं. सरल बीमा योजना जैसे सरकारी पहल के कारण भी इस क्षेत्र में लोगों का रुझान बढ़ा है. ऐसे में इस बार के बजट में सरकार कोई पहल करती है, तो इस क्षेत्र में भी लोगों का रुझान और बढ़ेगा.
Posted by: Pritish Sahay
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