मुंबई : मुंबई पुलिस के साइबर क्राइम विभाग ने रेलवे सीजन टिकट के लिए आवश्यक सेवा के फर्जी पहचान पत्र जारी करनेवाले व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. बताया जाता है कि गिरफ्तार व्यक्ति एक फर्जी पहचान पत्र के लिए 1000 रुपये से 1100 रुपये तक वसूलता था.
साइबर क्राइम विभाग के अधिकारियों को सोशल मीडिया पर एक विज्ञापन मिला. इसमें एक मोबाइल नंबर भी दिया गया है. साथ ही कहा गया है कि लोकल ट्रेनों में यात्रा करने के लिए रेलवे सीजन टिकट प्राप्त करने के लिए मोबाइल नंबर पर संपर्क करें.
मालूम हो कि रेलवे ने कोविड-19 महामारी के कारण अभी तक आमलोगों को सफर करने की अनुमति नहीं दी है. आवश्यक सेवाओं से जुड़े हुए लोगों, राज्य सरकारों और रेलवे अधिकारियों को यात्रा की अनुमति है.
इसीलिए, साइबर क्राइम द्वारा गिरफ्तार किया गया व्यक्ति ने सीजन टिकट प्राप्त करने के लिए फर्जी पहचान पत्र बनाना शुरू कर दिया और सोशल मीडिया पर मोबाइल नंबर के साथ विज्ञापन भी दे दिया.
जानकारी के मुताबिक, जालसाज पैथोलॉजी लैब, सरकारी एजेंसियां, नगरपालिका प्राधिकरण, सरकारी कार्यालय, सरकारी ठेकेदार, अस्पताल समेत कई विभागों के फर्जी पहचान पत्र बनाता था.
फर्जी पहचान पत्र मिलने के बाद व्यक्ति जब रेलवे के अधिकृत टिकट काउंटर पर पहचान पत्र दिखाते हैं, तो रेलवे कर्मी द्वारा बिना किसी झिझक के सीजन टिकट जारी कर दिया जाता था.
मुंबई पुलिस के साइबर क्राइम विभाग ने जाल बिछाते हुए विज्ञापन में दिये गये मोबाइल नंबर पर संपर्क किया. उसकी पहचान बदलापुर निवासी शिव मिश्रा के रूप में की गयी है.
सोशल मीडिया पर विज्ञापन देनेवाले शिव मिश्रा जब फर्जी पहचान पत्र देने के लिए मुंबई पुलिस के साइबर क्राइम विभाग के अधिकारियों तक पहुंचा, तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया.