केंद्र के निर्देश के बाद अब राज्य सरकार बंजर जमीनों को लीज पर देने का मन बना रही है. अब इन जमीनों पर सरकार की मदद से कम लागत में खेती की जा सकेगी. देश में कृषि कानूनों के बाद अब मोदी सरकार हॉर्टिकल्चर पॉलिसी में भी बड़ा बदलाव कर रही है. इन बंजर जमीनों पर राज्य सरकार के आदेश के बाद इस पर साधारण व्यक्ति औषधि या फल लगाने का काम कर सकता है.
इस फैसले को अमल में लाने वाला गुजरात पहला राज्य बन रहा है. गुजरात ने इस नियम को लागू कर दिया है और वैसी जमीन जो बंजर है जिसे लीज पर देने का फैसला लिया है. कानून के तहत 5 साल तक कोई फीस नहीं देनी होगी. सबसे अच्छी बात है कि इसे सिर्फ किसान ही नहीं साधारण व्यक्ति भी लीज में लेकर खेजी कर सकता है .
जमीन किसे लीज पर देना है यह फैसला सरकार करेगी . सरकार की तरफ से एक कमेटी का निर्माण होगा जिसमें कलेक्टर सहित कई बड़े अधिकारी शामिल होंगे. सिर्फ गुजरात ही नहीं इस कानून को यूपी, बिहार, हिमाचल, मध्य प्रदेश औऱ असम की सरकारें भी अमल करेंगी.
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मोदी सरकार के निर्देश पर अब राज्य सरकार बंजर और गैरउपजाऊ जमीन से भी तरक्की का रास्ता देख रही है. इस फैसले से देशभर में कृषि और बागवानी के क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा सरकार की कोशिश है कि इससे हर्बल पौधे की खेती को भी बढ़ावा दिया जाये.
इस कानून पर सबसे पहले अमल करने वाले राज्य गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा, इस फैसले से किसानों की आय दोगुणी करने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा. इसके अलावा रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा बागवानी विकास मिशन के तहत किसानों और गैर-किसानों को 30 सालों के लिए पट्टे पर एक अवधि के लिए अयोग्य और परती भूमि आवंटित की जाएगी. फिलहाल गुजरात सरकार पहले चरण में 20 लाख हेक्टेयर भूमि की पहचान की है, जो लीज पर दी जाएगी.
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देशभर में ऐसी जमीनों पर सर्वेक्षण का काम चल रहा है जिसे हाल में केंद्र सरकार ने इसे लेकर एक बैठक की. इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि तैयार किया गया ड़ाटा एक वेबपोर्टल में डाला जायेगा जिससे लोगों को भी यह जानकारी मिल सकेगी कि कौन सी जमीन कहां बंजर है जिस पर सरकार इस योजना के तहत काम कर सकती है. कोई भी व्यक्ति समूह या संगठन इस जमीन पर खेती के लिए आवेदन कर सकता है. भूमि लेने के लिए एक मामूली लीज रेट और एक सिक्योरिटी डिपॉजिट देना होगा