कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर लोगों में काफी उत्सुक्ता बनी हुई है. कोरोना के खिलाफ दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरूआत भारत में हो चुकी है. कोरोना टीका के साइड इपेक्ट की तो सबसे बड़ी राहत की बात है कि टीका का साइड इपेक्ट बहुत कम लोगों में देखने को मिला. वैसे हम भारतीय नेट सर्च करने में किसी से कम नहीं, ऐसे में लोग गूगल में सर्च करके घर में कोरोना वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानना चाह रहे हैं, Google ट्रेंड्स के अनुसार, “घर पर कोरोनोवायरस वैक्सीन कैसे बनाएं?” रविवार और सोमवार सुबह तक भारत में इंटरनेट पर टॉप ट्रेंडिंग सर्च में से एक रहा है. जवाब न है। आप घर पर कोरोनावायरस टीके नहीं बना सकते.
भारत में जिन दो टीकों को अनुमोदित किया गया है, उन्हें देश भर में आपातकालीन उपयोग के लिए स्वीकृत किए जाने से पहले महीनों तक क्लिनिकल परीक्षण किए गए थे. जाहिर है, कोई ऐसा तरीका नहीं है जिससे कोई घर पर वैक्सीन का निर्माण कर सके. कोरोना वायरस के खिलाफ भारत का टीकाकरण अभियान पहले ही दिन दुनिया में रिकॉर्ड बना दिया. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पहले ही दिन 2 लाख 7 हजार 229 लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया, जो कि दुनिया में वैक्सीनेशन के पहले दिन लगे कुल टीकों में सबसे ज्यादा है. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रुस, चीन में भी एक दिन में इतने टीके नहीं लगे.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि दो दिनों में अब तक कुल 2,24,301 लोगों को कोविड का टीका लगाया गया है. इनमें से सिर्फ 447 लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा. टीका लगाने के बाद तीन लोगों अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी. प्रतिकूल प्रभाव के अन्य मामलों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी जैसी मामूली समस्याएं देखने को मिली. मंत्रालय ने कहा है कि वैक्सीन लेने के बाद सूजन, सिरदर्द, थकान, मायलाजिया, अस्वस्थता, पाइरेक्सिया, ठंड लगना, जोड़ों का दर्द, मितली, उल्टी, चक्कर आना, पसीना, सर्दी, खांसी होने की संभावना है.
देश में संक्रमण के एक करोड़ से अधिक मामले सामने आने और 1.5 लाख से अधिक लोगों की मौत के बाद भारत ने कोविड-19 के खात्मे के लिए शुरुआती कदम बढ़ाते हुए देशभर में चिकित्सकीय केंद्रों पर कोविशील्ड और कोवैक्सीन के टीके लगाने आरंभ कर दिए हैं.
Posted By: Shaurya Punj