अमेज़न प्राइम वीडियो की सैफ अली खान अभिनीत हालिया रिलीज वेब सीरीज ‘तांडव’ इन दिनों सुर्खियों में है. सीरीज दर्शकों को भले ही लुभा ना पायी हो लेकिन विवाद को ज़रूर लुभा गयी है. आरोप लगा है कि इस सीरीज में हिन्दू देवी देवताओं का मज़ाक उड़ाया गया है. विवाद इस कदर बढ़ गया है कि सोशल मीडिया पर तांडव के बैन की भी मांग आने लगी है. सोशल मीडिया पर बढ़ते विवाद को देखते हुए सूचना प्रसारण मंत्रालय ने भी इस पूरे मामले पर अमेज़न प्राइम वीडियो से जवाब मांगा है.
आइए जानते हैं कि आखिर वो कौन सा सीक्वेंस है जिसको लेकर विवाद हुआ है. सीरीज के पहले ही एपिसोड में यह सीक्वेंस है. यह अभिनेता जीशान अय्यूब का पहला दृश्य भी है.वह सीरीज में शिवा शेखर की भूमिका में है और सीरीज की कहानी में एक स्टेज शो विएन्यु में चल रहा है.उसमें भी वह भगवान शंकर बने हुए हैं.कोट पहने हुए हाथों में त्रिशूल और डमरू है. उस सीक्वेंस के संवाद कुछ इस तरह है कि नारायण बना एक शख्स स्टेज पर आता है और कहता है भगवान आजकल प्रभु राम के फॉलोवर बढ़ते जा रहे हैं.
जिस पर भगवान शिव बनें जीशान कहते हैं कि क्या करूं लाइव फोटोज लगाऊं..
जवाब आता है कुछ नया कीजिए जैसे कोई भड़कता शोला।कैम्पस के सारे विद्यार्थी देशद्रोही हुए हैं.आज़ादी के नारे लगा रहे हैं.
भगवान शंकर बने जीशान आगे कहते हैं
व्हाट द##…जब तक मैं सोने गया था..आज़ादी कूल चीज़ होती थी।तुमलोग को किस चीज़ से आज़ादी चाहिए
सारे स्टूडेंट्स एक स्वर में कहते हैं कि आजादी जातिवाद,सामंतवाद,ब्राह्मण वाद, पूंजीवाद…
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जिसके जवाब में जीशान के आगे के संवाद हैं कि मतलब देश से आज़ादी नहीं चाहिए देश में रहते हुए आज़ादी चाहिए तो समझाओ ना जियो लेकिन हमें भी तो जीने दो.जो गाना हम खड़े होकर गर्व से गाते हैं वो ये गाना ये लोग गन के ज़ोर पर डिसाइड करते हैं.आज़ादी ऐसी हो जो सिलेबस में पढ़ाई जाए.अखबार में छापी जाए.दुनिया ऐसी हो कि मज़दूर का पसीना सुखने से पहले उसके हाथ में उसके मेहनत का पैसा हो.
इसी पूरे सीक्वेंस पर विवाद हुआ है. बीजेपी के विधायक राम कदम का कहना है कि ये दृश्य भगवान शंकर का उपहास करते हैं इसलिए इस सीक्वेंस को सीरीज से हटाया जाना चाहिए और सीरीज के निर्माताआ,निर्देशक,लेखक और अभिनेताओं को माफी मांगनी चाहिए. तांडव के निर्देशक अली अब्बास जफर हैं जबकि लेखक गौरव सोलंकी हैं।गौरव सोलंकी लिखित फ़िल्म आर्टिकल 15 काफी सुर्खियों में थी.