कांग्रेस समेत विपक्षी के कई नेताओं ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami leaked chats) और टीवी ऑडियंस मेजरमेंट एजेंसी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी पार्थो दासगुप्ता की कथित व्हाट्सएप चैट की जांच की मांग की. विपक्ष के नेताओं ने कथित व्हाट्सएप चैट से यह भी दावा किया है कि अर्नब गोस्वामी को पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय सेना के एयर स्ट्राइक की जानकारी पहले से थी.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि अर्नब गोस्वामी कथित व्हाट्सएप चैट मामले को एक संयुक्त संसदीय समिति को देखना चाहिए. इस मुद्दे पर फिलहाल सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चुप है. कांग्रेस नेता ने ट्वीट में लिखा कि अगर मीडिया के एक सेक्शन की रिपोर्ट सही है तो बालाकोट एयर स्ट्राइक और 2019 के आम चुनावों के बीच एक सीधा संबंध दिखता है. इस मामले में जेपीसी जांच की जरूरत है.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद महुआ मोइत्रा ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि देश के जानने की जरूरत है कि व्हाट्सएप चैट से स्पष्ट रूप से दिखाता है कि सरकार ने बालाकोट हमलों और धारा 370 को खत्म करने के बारे में पूर्व सूचना टीवी एंकर को दी थी.बता दें कि सोशल मीडिया पर जो वॉट्सऐप चैट वायरल हो रहा है उससे यह दावा किया जा रहा है कि अर्नब को बालाकोट स्ट्राइक की जानकारी पहले ही मिल गयी थी.
Also Read: वेब सीरीज ‘तांडव’ के मामले में सरकार ने अमेजन प्राइम वीडियो के अधिकारियों को किया तलबवही कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को टैग करते हुए ट्वीट किया कि क्या असल स्ट्राइक से तीन दिन पहले एक पत्रकार (और उसके दोस्त) को बालाकोट शिविर में जवाबी हमले के बारे में पता था? उन्होंने कहा कि यदि हाँ, तो इस बात की क्या गारंटी है कि उनके स्रोतों ने पाकिस्तान के साथ काम करने वाले जासूसों या मुखबिरों सहित अन्य लोगों के साथ भी जानकारी साझा नहीं की होगी?