नयी दिल्ली : देश में 16 जनवरी, शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह करीब 10:30 बजे हरी झंडी दिखा कर कोविड-19 वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे. इस दौरान तीन हजार से ज्यादा वैक्सीनेशन साइट भी लॉन्चिंग के समय जुड़े रहेंगे.
वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र सरकार और राज्यों ने पूरी तैयारी कर ली है. मालूम हो कि वैक्सीनेशन के पहले चरण में करीब तीन करोड़ स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीन देने का फैसला किया गया है.
कोविड-19 वैक्सीन की आपूर्ति की निगरानी के लिए केंद्र सरकार ने ऑनलाइन प्लेटफार्म को-विन ऐप तैयार किया है. कोविड-19 महामारी और कोरोना वैक्सीन के रोल आउट के संबंधित प्रश्नों के समाधान के लिए 24*7 संचालित कॉल सेंटर-1075 और को-विन ऐप आमलोगों के लिए स्थापित किया गया है.
हालांकि, को-विन ऐप प्लेटफॉर्म आम लोगों के लिए अभी शुरू किये जाने की संभावना कम है. इसे मार्च में लॉन्च किया जायेगा. इस ऐप के जरिये लोग वैक्सीन लेने के लिए खुद को निबंधित करा सकेंगे.
बताया जाता है कि पहले चरण में वैक्सीन दिये जानेवाले स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्करों का डाटा को-विन पर अपलोड किया जा रहा है. इसलिए इस ऐप के जरिये आमलोगों को निबंधन कराने की जरूरत नहीं है.
यह ऐप उससमय आमलोगों के लिए उपलब्ध होगा, जब उन्हें वैक्सीन देने के लिए निबंधन की प्रक्रिया शुरू होगी. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, मार्च महीने के आखिरी में को-विन के लॉन्च किये जाने की उम्मीद है.
अभी जिन लोगों को वैक्सीन नहीं दी जानी है, उनमें गर्भवती महिलाएं, प्रसूता और बच्चें शामिल हैं. हालांकि, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का क्लिनिकल ट्रायल इन लोगों पर शुरू किया गया है. टेस्टिंग के परिणाम सामने आने पर वैक्सीनेशन पर फैसला किया जायेगा.
वहीं, कोरोना संक्रमित हो चुके लोगों को पहले चरण में वैक्सीन नहीं दी जायेगी. कोरोना संक्रमित लोगों के स्वस्थ्य होने के बाद उनके शरीर में विकसित एंटीबॉडी छह-सात महीने तक रहते हैं. इसलिए अभी उन्हें वैक्सीन नहीं दी जायीगी. हालांकि, कुछ दिन बाद पता चलेगा कि उन्हें वैक्सीन की जरूरत है या नहीं.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.