देश में कोरोना का संक्रमण लगातार कम हो रहा है और 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान की शुरुआत भी हो रही है. इस दोहरी खुशी के बीच देश भर में स्कूल-कॉलेज तेजी से खुलने लगे हैं. कई राज्यों में स्कूल-कॉलेज पिछले साल दिसंबर में ही खोल दिये गये हैं, तो नये साल के जनवरी में भी कई राज्यों ने स्कूल खोलने की घोषणा कर दी है. दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने भी 18 जनवरी से 10वीं और 12वीं के लिए स्कूल खोलने की घोषणा कर दी है. केजरीवाल सरकार ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि जबतक कोरोना की वैक्सीन नहीं आ जाती है, तब तक स्कूल नहीं खोले जाएंगे.
देशभर में स्कूल-कॉलेज भले ही खुल रहे हैं, लेकिन तीन राज्यों की स्थिति ने सभी को डरा दिया है. दरअसल बिहार, कर्नाटक और ओडिशा में स्कूल खोले जाने के बाद कुछ बच्चे और शिक्षक कोरोना से संक्रमित पाये गये थे. जिसके बाद सवाल उठाये जाने लगे हैं कि क्या फिलहाल स्कूल खोलना सही फैसला है. बड़ी संख्या में अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने से इनकार भी कर दिया है. उनमें डर है कि कहीं उनके बच्चे स्कूल जाकर कोरोना महामारी को न्योता न दे दें.
दरअसल ऐसे सवाल तब उठाये जा रहे हैं, जब बताया गया है कि कोरोना का वैक्सीन छोटे बच्चों को नहीं लगाया जाएगा. जानकारी के अनुसार कोविशिल्ड 16 साल से ऊपर के बच्चों को लगेगा और कोवैक्सीन 12 साल से ऊपर के बच्चों को ही दिया जाएगा. अब सवाल उठता है कि अगर वैक्सीन छोटे बच्चों को नहीं दिया जाएगा, तो कोरोना संक्रमण से बच्चों को कैसे बचाया जाए. ब्रिटेन इसके उदाहरण कि यहां कोरोना के नये स्ट्रेन ने पलटवार किया है और जिसके कारण फिर से लोकडाउन लगाना पड़ा. इसके अलावा स्कूल-कॉलेज को भी दोबारा बंद करना पड़ा.
हाल ही में ओडिश में स्कूल खुलने के दो से तीन दिनों के अंदर दो छात्रों के साथ करीब 26 शिक्षक कोरोना संक्रमित हो गये थे. वहीं बिहार के मुंगेर में स्कूल खुलने के साथ ही 22 बच्चे कोरोना संक्रमित हो गये. इसके अलावा वहां दो शिक्षक और एक चतुर्थवर्गीय कर्मचारी भी कोरोना संक्रमित हो गये.
कर्नाटक में सबसे खतरनाक स्थिति हो गयी थी. स्कूल खुलने के साथ ही वहां 50 शिक्षक कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे, जिसके बाद वहां आनन-फानन में स्कूल-कॉलेज को बंद करने का आदेश दे दिया गया.
इधर झारखंड में भी एक सर्वे कराया गया था, जिसमें करीब 31 फीसदी अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने से साफ इनकार कर दिया. दिल्ली की सरकार ने भी स्कूल उसी शर्त पर खोलने की अनुमति दी है कि जब तक अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने पर राजी होंगे तभी उन्हें बुलाया जा सकता है.
Posted By – Arbind kumar mishra