कौशिक रंजन, पटना. शराबबंदी कानून लागू होने के बाद अवैध शराब के व्यापार में शामिल धंधेबाजों पर हर स्तर पर शिकंजा कसने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान शुरू किया गया है.
इसके तहत अब इडी भी शराब धंधेबाजों की अवैध संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया तेजी से शुरू करने जा रहा है.
बिहार सरकार की तरफ से आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने शराब के अवैध कारोबार में संलिप्त करीब 18 धंधेबाजों की अवैध संपत्ति को जब्त करने के लिए सूची इडी को भेज दी है.
इन धंधेबाजों की 15 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. राज्य सरकार ने इन धंधेबाजों की अवैध संपत्ति का पता लगाकर इसे जब्त करने की पहल की है. इडी की अंतिम स्तर पर होने वाली छानबीन में इनकी अवैध संपत्ति में बढ़ोतरी भी हो सकती है.
राज्य में शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद इन डेढ़ दर्जन धंधेबाजों ने शराब कारोबार में काफी सक्रियता दिखायी है. इनमें कई जेल में हैं, जबकि कई फरार चल रहे हैं.
इनके खिलाफ पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट) के तहत कार्रवाई करने के लिए इडी को प्रस्ताव भेजा गया है.
हालांकि, पीएमएलए में अवैध शराब के कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का कोई सीधा प्रावधान नहीं है, लेकिन इससे संबंधित अन्य मामलों मसलन आइपीसी, आर्म्स एक्ट, एनडीपीएस (नॉरकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटांस) एक्ट, यूएपीए (अनलॉफूल एक्टिविजिट्ज प्रीवेंशन एक्ट), पीसी (प्रीवेंशन ऑफ करप्शन) एक्ट समेत अन्य बेहद संवेदनशील अपराधों में पीएमएलए के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है.
ऐसे में शराब के धंधेबाजों पर इन मामलों में आसानी से कार्रवाई हो जाती है. शराब का अवैध कारोबार करने वाले दो धंधेबाजों पर अब तक इडी ने पीएमएलए के तहत कार्रवाई कर चुका है.
इनमें भोजपुर के संजय प्रताप सिंह की 1.31 करोड़ और गया के राजकुमार यादव उर्फ मंटू यादव की 9.26 करोड़ की अवैध संपत्ति की जब्ती शामिल है. मंटू यादव गया के बेलागंज से राजद विधायक सुरेंद्र प्रसाद यादव के भाई हैं.
वर्तमान में जिन 18 धंधेबाजों की सूची गयी है, उनमें दो हरियाणा के रहने वाले हैं और यहां लगातार सप्लाइ का काम करते थे.
मुंगेर के किशोर यादव उर्फ किशोर पहलवान की 2.48 करोड़, भोजपुर के त्रेता सवालिया की 2.53 करोड़, कोडरमा के संजय यादव (इसके साथ मनोज यादव एवं संदीप भदानी भी) की 23 लाख, सहरसा के अशोक यादव की 54 लाख, हरियाणा के जितेंद्र नागर की 19 लाख व रवींद्र की 33 लाख, सहरसा के मो इकरामुल की 33 लाख की संपत्ति शामिल है.
साथ ही पटना के चंदन कुमार की एक करोड़ 48 लाख, सीवान के अनिरुद्ध सिंह की 53 लाख, पटना के मोहित जैन की 58 लाख, मुजफ्फरपुर के सुधीर मंडल की 25 लाख व जुगनू ओझा की 42 लाख, भोजपुर के योगेंद्र प्रसाद गुप्ता की तीन करोड़ चार लाख, बेगूसराय के भोला महतो की 85 लाख, सीतामढ़ी के केशव झा की 31 लाख, बेगूसराय के मुन्ना सिंह की 84 लाख और समस्तीपुर के मुकेश सहनी की संपत्ति शामिल है.
Posted by Ashish Jha