सिलाव (नालंदा). स्थानीय प्रखंड के पांकी गांव में मंगलवार की सुबह 12 लाख रुपये की लागत से निर्मित पानी टंकी सहित जलमीनार 24 घंटे के अंदर धराशायी हो गया.
जैसे ही निर्माण के बाद टंकी में पानी पहुंचाने का काम शुरू किया गया, वैसे ही पानी टंकी टूट-टूट कर गिरना शुरू हो गयी. पानी टंकी गिरते देख ग्रामीणों में भगदड़ मच गयी.
हालांकि इस घटना में लोग बाल-बाल बच गये, लेकिन पानी टंकी के निर्माण की गुणवत्ता पर लोगों ने खुल कर बोलना शुरू कर दिया.
गांव की मुखिया कांति देवी ने बताया कि वार्ड संख्या -11 में 18 लाख रुपये की लागत से घर-घर में जल नल लगाया जा रहा है.
साथ ही इसके लिए 12 लाख की लागत से पानी टंकी समेत स्टैंड बनाया गया था, जो महज 24 घंटे में देखते-देखते धराशायी हो गयी.
इस पानी की टंकी का निर्माण सचिव सोनू उर्फ सौरभ कुमार और वार्ड सदस्य वीरेंद्र रविदास के द्वारा कराया गया था. मुखिया कांति देवी ने बताया कि इस जलमीनार में सभी सामान घटिया लगाया गया था.
यह सरकारी पैसे की लूट है. ग्रामीणों का आरोप है कि मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय योजना में लूट ही लूट है. इस योजना से आमलोगों को लाभ कम और जनप्रतिनिधियों व ठेकेदारों को आर्थिक लाभ अधिक पहुंच रहा है.
लोगों के हित में रख कर सात निश्चय योजना में काम नहीं किया जाता है. वहीं सूचना मिलते ही अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने घटना की जांच करने के लिए बीडीओ डॉ अंजनी कुमार को घटनास्थल पर भेजा है.
एसडीओ ने बताया कि निर्माण के चंद दिनों में पानी टंकी समेत स्टैंड गिरना गुणवत्ता की कमी को दरसाता है. इसमें सरकारी रुपये का दुरुपयोग हुआ है. इसकी जांच के लिए सिलाव बीडीओ निर्देश दिया गया है.
जांच प्रतिवेदन आने के बाद किसी भी कीमत पर दोषी को बख्शा नहीं जायेगा. जिले में पानी टंकी गिरने की यह छठी घटना है. घटिया निर्माण के कारण गत एक साल में कई प्रखंडों में पानी गिरने की घटना लगातार बढ़ रही है.
Posted by Ashish Jha