पश्चिमी सिंहभूम : पश्चिमी सिंहभूम जिले में स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद में गड़बड़ी का एक और मामला प्रकाश में आया है. इसके पहले कोरोना काल में हुए घोटाले के मामले में डीपीएम बर्खास्त हो चुके हैं. जबकि मामले की जांच चल रही है. इस बीच एक और अनियमितता सामने आने से जिला स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप है. दरअसल, चाईबासा सदर अस्पताल में कोरोना काल के दौरान दवा व रसायन आदि की खरीद गवर्नमेंट इ-मॉर्केटप्लेस (जेम) से 22 लाख 60 हजार 150 रुपये में हुई.
जबकि उक्त सामग्री ओपन टेंडर के तहत निर्धारित एल-वन पार्टी से मात्र 9 लाख 32 हजार 650 रुपये में उपलब्ध थी. इससे सरकार को 13 लाख 27 हजार 500 रुपये का घाटा हुआ. प्रबंधन ने जमशेदपुर के साकची स्थित अविश लॉजिस्टिक एंड ट्रेडिंग नामक फर्म से खरीदारी की. इस खरीदारी के लिए सदर अस्पताल की डीटीओ डॉ भारती गोरथी मिंज के जेम आइडी का उपयोग किया गया. वहीं, सप्लायर ने सामग्री की सप्लाइ अस्पताल को कर दी है. इसके बदले राशि भुगतान के लिए सीएस कार्यालय में बिल जमा हो चुका है.
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22 जून, 2020 को सदर अस्पताल की 10 सदस्यीय क्रय समिति ने ओपन टेंडर से 405 सामग्रियों की खरीद के लिए एल-वन पार्टी का चयन किया. इसके बाद, सिविल सर्जन कार्यालय से 16 सितंबर को एक ज्ञापन संख्या 320 (डीपीएमयू) निकाल उक्त निविदा की अवहेलना करते हुए जिले के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों के लिए भारी संख्या में डायग्नोसिस किट व स्वास्थ्य उपकरण आदि की खरीदारी जेम से करने के लिए स्वीकृति दे दी.
29 सितंबर को सदर अस्पताल की डीटीओ डॉ भारती गोरथी मिंज के जेम आइडी से जमशेदपुर के तीन अलग-अलग फर्म को टेंडर में निर्धारित एल-वन के रेट से अधिक मूल्य पर ऑर्डर दिया गया.
क्रय समिति ने ग्लूकोमीटर (शुगर जांचने की मशीन) और स्ट्रिप की खरीदारी के लिए चाईबासा के एमएस वेदिया केयर फर्म का चयन एल-वन के रूप में किया था. इसके तहत एसडी सेंसर ग्लूकोमीटर 100 रुपये व स्ट्रिप 5 रुपये 25 पैसे की दर से सप्लाइ होनी थी. जबकि प्रबंधन ने जमशेदपुर के साकची स्थित अविश लॉजिस्टिक एंड ट्रेडिंग नामक फर्म से 100 पीस ग्लूकोमीटर 800 रुपये की दर से खरीदे. वहीं, 5 रुपये 25 पैसे की स्ट्रिप 17 रुपये 23 पैसे की दर से 1000 पीस खरीदे.
सदर अस्पताल के लिए प्रति आइसीयू बेड की खरीदारी जेम से 69 हजार 800 रुपये में की गयी. बाजार में उस क्वालिटी के आइसीयू बेड की कीमत अधिक से अधिक 33 से 35 हजार है. वहीं, 7 रुपये में उपलब्ध एचबीएस-एजी रैपिड कार्ड (10 हजार पीस) जेम से 31 रुपये 47 पैसे की दर से खरीदे गये. एक रुपये 53 पैसे में मिलने वाले यूरिन स्ट्रिप की खरीद (5 हजार पीस) 20 रुपये की दर से की गयी. 18 रुपये 10 पैसे में उपलब्ध एचआइवी रैपिड कार्ड की खरीद (10 हजार पीस) 47 रुपये की दर से की गयी.
पूर्व में सदर अस्पताल के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के लिए स्वास्थ्य उपकरणों की खरीदारी जेम से करने पर गड़बड़ी हुई थी. डीसी के आदेश पर तत्कालीन डीडीसी ने जांच कर कइयों को दोषी पाया था. उक्त क्रय समिति में शामिल सदस्यों को अगले आदेश तक खरीदारी प्रक्रिया से बाहर रखने की अनुशंसा जांच समिति ने डीसी को सौंपी रिपोर्ट में की थी. खराब गुणवत्ता व बाजार मूल्य से कई गुणा अधिक कीमत पर सामग्रियों की सप्लाइ को लेकर सप्लायर को 15 लाख रुपये करीब जुर्माना लगाया गया था.
अस्पताल के जिस क्रय समिति ने ओपन टेंडर से एल-वन सप्लायरों का चयन किया. उस समिति में मैं नहीं थी, इसलिए इसकी जानकारी नहीं है. स्वास्थ्य सामग्री व उपकरणों की खरीद के लिए सिविल सर्जन ने मेरी ‘जेम’ आइडी मांगी थी. नियमत: जेम से खरीद डीटीओ के आइडी से होती है, इसलिए मैंने अपनी आइडी सीएस को दी.
– डॉ भारती गोरथी मिंज, डीटीओ, सदर अस्पताल, चाईबासा.
Posted By : Sameer Oraon