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भारत में सात महीने में पैदा हुआ 33 हजार टन कोरोना कचरा, जानिये किस राज्य से निकला कितना कचरा

देश में कोरोना की रफ्तार भले ही घट गयी हो, लेकिन पिछले सात महीनों में कोरोना से उत्पन्न कचरे ने एक और बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है.

भारत में पिछले बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 12,584 नए मामले सामने आये हैं. इसके बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 1,04,79,179 हो गई है. वहीं, बीते 24 घंटों में देश में कोरोना से 167 लोगो की मौत हुई है. जिसके बाद कुल मौतों की संख्या 1,51,327 हो गई है. लेकिन राहत की खबर है कि देश ने एक नहीं दो-दो कोरोना वैक्सीन बना ली है. 14 जनवरी से वैक्सीनेशन का काम भी शुरू हो रहा है.

लेकिन इनसबके बीच एक नई समस्या मुंह बाये खड़ी हो गई है, जो आने वाले दिनों में भीषण समस्या भी बन सकती है. जी हां, देश में कोरोना की रफ्तार भले ही घट गयी हो, लेकिन पिछले सात महीनों में कोरोना से उत्पन्न कचरे ने एक और बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में बीते सात महीने में लगभग 33 हजार टन कोविड-19 बायो मेडिकल कचरा पैदा हुआ है. सीपीसीबी के आंकड़ों के आंकड़ों के मुताबिक, पूरे देश में अक्टूबर महीने में सबसे ज्यादा 542.314 टन कोरोना कचरा पैदा हुआ है.

कचरे में क्या-क्या है शामिल: कोरोना कचरे में पीपीई किट, मास्क, जूते के कवर, दस्ताने, मानव ऊतक, रक्त से दूषित वस्तुएं, शरीर के तरल पदार्थ जैसे ड्रेसिंग, प्लास्टर कास्ट, रूई, रक्त के साथ दूषित बिस्तर या शरीर के तरल पदार्थ, ब्लड बैग, सुई, सीरिंज शामिल है.

किस राज्य में कितना कचरा महाराष्ट्र नंबर एक पर

राज्य कचरा

महाराष्ट्र 5,367 टन

केरल 3,300 टन

गुजरात 3,086 टन

उत्तर प्रदेश 2,502 टन

दिल्ली 2,471 टन

प बंगाल 2,095 टन

अक्तूबर में सबसे ज्यादा

जून 3025.41 टन

जुलाई 4253.46 टन

अगस्त 5238.45 टन

सितंबर 5490 टन

अक्तूबर 5,500 टन

दिसंबर 4,530 टन

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‘कोविड19बीडब्ल्यूएम’ एप से कचरे का लगाया जा रहा पता

सीपीसीबी ने मई में कोरोना से संबंधित जैव चिकित्सा कचरे की निगरानी करने और इलेक्ट्रॉनिक मैनिफेस्ट प्रणाली के माध्यम से डाटा संकलित करने के लिए ‘कोविड19बीडब्ल्यूएम’ ऐप विकसित किया था. इस के जरिये कचरे का पता लगाकर उसे एकत्रित करके निपटाया जाता है.

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Posted by: Pritish Sahay

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