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Self Employment Mantra : झारखंड के ग्रेजुएट किसान चंद्रशेखर रोजाना करते हैं पौधरोपण, पलायन करने वाले युवाओं को दे रहे स्वरोजगार का मंत्र

Self Employment Mantra, Gumla News, गुमला (दुर्जय पासवान) : 40 वर्षीय चंद्रशेखर कुल्लू को पेड़-पौधों से प्यार है. इसलिए वे तीन वर्षों से हर दिन पौधरोपण कर रहे हैं. पर्यावरण संरक्षण के लिए श्री कुल्लू ने अपना जीवन समर्पित कर दिया है. गुमला के कुटमा गांव निवासी चंद्रशेखर कुल्लू खुद प्रत्येक दिन एक पौधा लगाते हैं और दूसरे लोगों को भी पौधरोपण करने के लिए प्रेरित करते हैं. पेशे से किसान श्री कुल्लू के पास चार एकड़ जमीन है. जिसमें एक एकड़ जमीन पर अब तक उन्होंने प्रत्येक दिन एक पौधा लगाया है. वे युवाओं से कहते हैं कि पलायन करने से अच्छा कि अपनी बेकार जमीन पर पौधारोपण कर उसका लाभ उठायें.

Self Employment Mantra, Gumla News, गुमला (दुर्जय पासवान) : 40 वर्षीय चंद्रशेखर कुल्लू को पेड़-पौधों से प्यार है. इसलिए वे तीन वर्षों से हर दिन पौधरोपण कर रहे हैं. पर्यावरण संरक्षण के लिए श्री कुल्लू ने अपना जीवन समर्पित कर दिया है. गुमला के कुटमा गांव निवासी चंद्रशेखर कुल्लू खुद प्रत्येक दिन एक पौधा लगाते हैं और दूसरे लोगों को भी पौधरोपण करने के लिए प्रेरित करते हैं. पेशे से किसान श्री कुल्लू के पास चार एकड़ जमीन है. जिसमें एक एकड़ जमीन पर अब तक उन्होंने प्रत्येक दिन एक पौधा लगाया है. वे युवाओं से कहते हैं कि पलायन करने से अच्छा कि अपनी बेकार जमीन पर पौधारोपण कर उसका लाभ उठायें.

गुमला के कुटमा गांव निवासी चंद्रशेखर कुल्लू कुटमा व आसपास के गांवों में जहां भी खाली जमीन है. वहां भी वे पौधा लगाते हैं. पौधा लगाने के बाद उसकी रखवाली भी खुद करते हैं, ताकि पौधा पेड़ का रूप ले सके और उस पेड़ से शुद्ध हवा के साथ फल-फूल की प्राप्ति हो. इसके साथ ही आने वाली पीढ़ी को पेड़ों से लाभ मिले.

चंद्रशेखर कुल्लू स्नातक पास हैं. इनका घर खेतीबारी से चलता है. पत्नी पारा टीचर हैं. उससे दो बेटे हैं जो पढ़ाई कर रहे हैं. चंद्रशेखर ने बताया कि वे एग्रो प्लांट्स कंपनी से जुड़े थे. जहां पौधा लगाने व पेड़ों से होने वाले लाभ हानि के बारे में बताया गया था. तब से चंद्रशेखर के मन में पर्यावरण संरक्षण की बात घर कर गयी. 2018 के जनवरी महीने में उन्होंने संकल्प लिया कि जब तक जीवित रहूंगा. हर दिन एक पौधा लगाऊंगा. इसी संकल्प के तहत 2018 से अब तक श्री कुल्लू हर दिन एक पौधा लगाते हैं. आम, अमरूद, सखुआ, करंज सहित कई प्रकार के पौधा श्री कुल्लू ने लगाये हैं.

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प्रकृति प्रेमी चंद्रशेखर कुल्लू गांव के लोगों को पेड़ों की सुरक्षा व पौधा लगाने के लिए हर समय प्रेरित करते हैं. वे जब भी कोई गांव जाते हैं. वहां लोगों को पेड़ पौधों से होने वाले लाभ की जानकारी देते हैं. खासकर युवा पीढ़ियों को वे ज्यादा जागरूक कर रहे हैं, ताकि युवा वर्ग भी पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभा सके.

चंद्रशेखर कुल्लू ने कहा कि पेड़ पौधों से पर्यावरण संतुलित रहता है. इसके अलावा शुद्ध हवा व खाने के लिए फल मिलने से जीवन की सुरक्षा भी होती है. साथ ही पेड़ में फले फल को बेचकर आमदनी होती है. पेड़ की रक्षा कर हम लंबे समय तक इसका लाभ उठा सकते हैं. लोगों से अपील की है. पलायन करने से अच्छा है. अपने बेकार जमीन पर पौधारोपण कर उसका लाभ उठायें.

समाजसेवी ईश्वर गोप ने कहा कि कुटमा गांव उग्रवाद व अपराध प्रभावित इलाका है. इस क्षेत्र में अंधविश्वास है. ऐसे क्षेत्र में चंद्रशेखर कुल्लू जैसे व्यक्ति प्रकृति प्रेमी बनकर समाज को एक नयी दिशा देने का काम कर रहे हैं. निश्चित रूप से भविष्य में श्री कुल्लू के जागरूकता अभियान का असर पड़ेगा. श्री कुल्लू द्वारा लगाये गये कई पौधा अब पेड़ का रूप धारण कर लिया है. सखुवा के पौधे तो पेड़ बने गये हैं. जिसका लाभ लोग उठा रहे हैं.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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