कोलकाता : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कृषि कानूनों को रद्द करने का प्रस्ताव पास करने के लिए पश्चिम बंगाल विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र 27 जनवरी से शुरू होगा. इस दौरान ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस सरकार केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर आंदोलनकारी किसानों के मुद्दों पर चर्चा करेगी.
बंगाल के संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने शुक्रवार रात को पत्रकारों को बताया कि विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय को पत्र भेजकर विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया गया है. उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान जीएसटी से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की जायेगी.
श्री चटर्जी ने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ एकजुट होने के लिए प्रस्ताव का मसौदा कांग्रेस और वामदलों को भी भेजा जायेगा. वामदलों और कांग्रेस ने एक जनवरी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कृषि कानूनों को लेकर विधानसभा का सत्र बुलाने का अनुरोध किया था.
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दूसरी तरफ, तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल के किसानों के लिए भाजपा की चिंता दिखावा मात्र है और उसके नेताओं को दिल्ली से कुछ दूरी पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की भी चिंता नहीं है.
तृणमूल कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और प्रदेश सरकार में मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा नेताओं के पास देशभर में घूमने और किसानों के लिए ‘घड़ियाली आंसू’ बहाने का वक्त है, लेकिन वे कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे.
उन्होंने कहा, ‘भाजपा नेता बंगाल आ रहे हैं और दूसरी जगहों पर जा रहे हैं. लेकिन, वे दिल्ली के बाहर प्रदर्शन कर रहे किसानों की बात नहीं सुन रहे. किसानों के लिए भाजपा की चिंता पूरी तरह दिखावटी है.’
बंगाल के एक दिन के दौरे पर पहुंचे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को पीएम किसान योजना को लेकर तृणमूल कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और कहा कि जब पार्टी को लगा कि राज्य के किसानों के बीच उसका आधार तेजी से खिसक रहा है, तो उसने इस योजना को लागू करने पर सहमति जतायी. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की छोटे और सीमांत किसानों के प्रति पूरी प्रतिबद्धता है.
Posted By : Mithilesh Jha