वाशिंगटन : अमेरिका में विद्रोह के बाद प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष और सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता चक शूमर ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पद से हटाने के लिए उपराष्ट्रपति माइक पेंस से कार्रवाई करने की मांग की है. अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप को पद से हटाने के लिए अमेरिकी सांसद एकजुट होने लगे हैं. दोनों नेताओं ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पद से हटाने के लिए संविधान के 25वें संशोधन को आमंत्रित करने का आग्रह किया है.
जानकारी के मुताबिक, प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने कहा है कि मैंने और सेन शूमर ने उपराष्ट्रपति माइक पेंस से संविधान के 25वें संशोधन का आह्वान करने के लिए फोन किया, जो उपराष्ट्रपति और मंत्रिमंडल के बहुमत को राष्ट्रपति को हटाने की अनुमति देगा. उपराष्ट्रपति का अभी तक जवाब नहीं आया है.
साथ ही उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति के खतरनाक कृत्यों को कार्यालय से हटाने की जरूरत है. हम जल्द-से-जल्द उपराष्ट्रपति से सुनवाई के लिए तत्पर हैं और एक सकारात्मक जवाब प्राप्त कर रहे हैं कि क्या वे और मंत्रिमंडल संविधान और अमेरिकियों को उनकी शपथ दिलायेंगे.
The President’s dangerous acts necessitate his immediate removal from office. We look forward to hearing from the Vice President as soon as possible and to receiving a positive answer as to whether he and the Cabinet will honor their oath to the Constitution and to Americans.
— Nancy Pelosi (@SpeakerPelosi) January 8, 2021
वहीं, सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता सेन शूमर ने कहा है कि अमेरिका के कैपिटल में कल जो हुआ, वह राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा उकसाये गये अमेरिका के खिलाफ विद्रोह था. इस अध्यक्ष को एक दिन अधिक समय तक कार्यालय में नहीं रखना चाहिए.
साथ ही कहा कि सबसे तेज और प्रभावी तरीका है, जो आज किया जा सकता है, कि इस अध्यक्ष को पद से हटाने के लिए उपराष्ट्रपति को 25वें संशोधन को तुरंत लागू करना होगा. यदि उपराष्ट्रपति और मंत्रिमंडल ने खड़े होने इनकार कर दिया, तो कांग्रेस को राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग लाना होगा.
The quickest and most effective way—it can be done today—to remove this president from office would be for the Vice President to immediately invoke the 25th amendment.
— Chuck Schumer (@SenSchumer) January 7, 2021
If the Vice President and the Cabinet refuse to stand up, Congress must reconvene to impeach President Trump.
मालूम हो कि संविधान के 25वें संशोधन के तहत उपराष्ट्रपति और बहुमत के साथ कैबिनेट के स्पीकर और सीनेट, स्पीकर और राष्ट्रपति समर्थक टीम को लिख सकते हैं कि राष्ट्रपति अपने कार्यालय की शक्तियों और कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ हैं. इसलिए उन्हें उनके पद से हटाया जाये. संविधान के इस संशोधन के जरिये राष्ट्रपति को अयोग्य करार नहीं दिया जा सकता है. इसके बावजूद राष्ट्रपति के मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर ऐसा संभव है.
डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग लाने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी साल 2019 में सदन की ओर से महाभियोग लाया गया था. हालांकि, रिपब्लिकन के नियंत्रणवाली सीनेट ने उन्हें दोषी नहीं माना था. मालूम हो कि साल 1974 में तत्कालीन राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को महाभियोग का सामना करते हुए इस्तीफा देना पड़ा था.
इधर, माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने भी अमेरिका में हुए विद्रोह को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट से हालिया ट्वीट्स और उनके करीबियों की समीक्षा के बाद अकाउंट बंद करने का फैसला किया है. साथ ही टीम ट्रंप का अकाउंट भी बंद कर दिया है. अकाउंट बद किये जाने की सूचना डोनाल्ड ट्रंप ने निजी अकाउंट से दी है. ट्विटर ने कहा है कि ”हमने हिंसा को और भड़काने के जोखिम के कारण खाते को स्थायी रूप से निलंबित कर दिया है.”
After close review of recent tweets from Trump's account and the context around them — specifically how they are being received and interpreted on and off Twitter — we have permanently suspended the account due to the risk of further incitement of violence: Twitter https://t.co/eg5ovKvkxb pic.twitter.com/bLK94TlWYI
— ANI (@ANI) January 8, 2021
#UPDATE | After the suspension of his personal Twitter account, US President Donald Trump tweeted from his official @POTUS account but the tweets were taken down within minutes. https://t.co/eg5ovKvkxb pic.twitter.com/vaL4wKTkpT
— ANI (@ANI) January 9, 2021
#UPDATE | Twitter suspends account of Team Trump. https://t.co/TBStRenwRe pic.twitter.com/gG9VLX8Udv
— ANI (@ANI) January 9, 2021