छपरा (सदर). हर खेत को सिंचाई का पानी योजना के तहत आठ जनवरी से अगले सौ दिनों तक सभी प्रखंडों में तकनीकी सर्वेक्षण दल सर्वेक्षण का काम करेगा. इसके लिए सभी प्रखंडों में प्रखंड कृषि पदाधिकारी के कार्यालय को नोडल कार्यालय बनाया गया है.
वहीं सभी प्रखंडों में जल संसाधन विभाग, ऊर्जा विभाग, लघु जल संसाधन विभाग व कृषि विभाग के कनीय अभियंता व प्रखंड कृषि पदाधिकारी की टीम तैनात की गयी है.
ये जानकारी प्रखंड स्तरीय तकनीकी सर्वेक्षण दल के दो दिवसीय प्रशिक्षण के बाद हर खेत को सिंचाई का पानी योजना के तहत नामांकित नोडल पदाधिकारी सह सारण नहर अंचल के अधीक्षण अभियंता ब्रजकिशोर रजक ने दी. उन्होंने सभी बीस प्रखंडों के लिए 20 अलग-अलग तकनीकी सर्वेक्षण दलों की नियुक्ति कर दी है.
ये सभी तकनीकी सर्वेक्षण दल जिले के लगभग 1750 गांवों में अगले सौ दिनों तक प्रति राजस्व गांवों में जाकर वैसी खेती की जमीन जहां सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पाता है.
वहां पर सिंचाई का पानी पहुंचाने की संभावनाओं का सर्वे करेगी. उन्होंने कहा कि तकनीकी सर्वेक्षण दल को सर्वप्रथम भू-तल सिंचाई की संभावना तलाशनी है. यदि वह संभव नहीं हो तो अंतिम रूप से भूगर्ग जल से सिंचाई की संभावनाओं को तलाशने का निर्देश दिया गया है.
सभी तकनीकी दल को निर्देश दिया गया है कि प्रत्येक राजस्व गांवों में असिचिंत जमीन का तकनीकी सर्वेक्षण करने के दौरान कम से कम तीन तस्वीर भेजेंगे.
सारण जिले में कुल 154435 हेक्टेयर में सिंचाई होती है. जिसमें 54 हजार 404 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई की कोई सुविधा नहीं है, जो कुल क्षेत्रफल के 34.64 फीसदी है.
वहीं जिले में एक लाख 51 हजार 272 हेक्टेयर में विभिन्न सिंचाई के संसाधनों के माध्यम से सिंचाई होती है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर तकनीकी सर्वेक्षण के दौरान सर्वेक्षण दल के कार्यों में सहयोग के लिए जिला कृषि पदाधिकारी डॉ केके वर्मा के द्वारा प्रखंड के सभी ग्राम पंचायतों के लिए कृषि सलाहकार, कृषि समन्वयक की प्रतिनियुक्ति की गयी है, जिससे सर्वेक्षण के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो.
Posted by Ashish Jha