पटना. बालू-पत्थर के स्टॉकिस्ट का लाइसेंस (अनुज्ञप्ति) और ईंट-भट्ठों का परमिट पाने की प्रक्रिया बुधवार से ऑनलाइन हो गयी. इस प्रक्रिया का उद्घाटन खान एवं भू-तत्व विभाग के मंत्री जिवेश कुमार ने विकास भवन स्थित अपने विभागीय कार्यालय में किया.
उन्होंने कहा कि पहले इस लाइसेंस को लेने में गड़बड़ी होती थी. अब कागजात ठीक रहने पर आवेदन के 15 दिनों के भीतर उपनिदेशक स्तर के पदाधिकारी लाइसेंस ऑनलाइन निर्गत करेंगे.
वहीं, कागजात अधूरा रहने पर आवेदन खारिज कर दिया जायेगा. इस दौरान विभाग की प्रधान सचिव हरजोत कौर बम्हरा और निदेशक व उपनिदेशक संजय कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे. विभाग ने इससे पहले बालू और पत्थर घाटों की नीलामी प्रक्रिया सहित चालान ऑनलाइन कर दिया था.
मंत्री जिवेश कुमार ने कहा कि विभाग के छोटे अधिकारियों की संलिप्तता से स्टॉकिस्ट लाइसेंस पाने में गड़बड़ी होती थी. लोगों की शिकायत पर नयी व्यवस्था लागू की गयी है. वहीं, प्रधान सचिव हरजोत कौर बम्हरा ने कहा कि मंत्री जिवेश कुमार के निर्देश पर पारदर्शिता के लिए नयी व्यवस्था लागू की गयी है.
यह प्रक्रिया शुरू होने के बाद बालू-पत्थर के स्टॉकिस्ट का नया लाइसेंस (अनुज्ञप्ति) और ईंट-भट्ठों का नया परमिट पाने, पुराने लाइसेंस या परिमट का नवीनीकरण के लिए लोगों को विभागीय कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना होगा.
इससे संबंधित जानकारी वेबसाइट से प्राप्त की जा सकेगी. नयी व्यवस्था के अनुसार विभागीय वेबसाइट पर बालू, पत्थर, ईंट-भट्ठा के लाइसेंस के लिए अलग-अलग फॉर्म रहेगा. उस फॉर्म को भरने के बाद संबंधित कागजात और शुल्क के साथ विभाग की वेबसाइट पर ही अपलोड किया जा सकेगा.
इस तरह आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. वहीं, संबंधित अधिकारी भी इस आवेदन फॉर्म की जांच के बाद ऑनलाइन रिपोर्ट अपलोड कर देंगे. इस तरह लाइसेंस सहित अन्य कागजात लोगों को उनके इ-मेल पर मिल सकेंगे.
राज्य में बालू-पत्थर के करीब 590 स्टॉकिस्ट थे. इन सभी के लाइसेंस की समयसीमा 31 दिसंबर, 2020 काे खत्म हो चुकी है. ऐसे में पुराने आवेदनों को भी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जायेगा.
बालू-पत्थर के स्टॉकिस्ट का नया लाइसेंस पाने के लिए शुल्क के तौर पर 10 हजार रुपये और नवीनीकरण के लिए दो हजार रुपये देने पड़ते हैं. इन्हें ऑनलाइन जमा किया जा सकेगा.
Posted by Ashish Jha