आशीष बान्तवा : बंगाल में पांचवें चरण के चुनाव प्रचार के आखिरी दिन उत्तर बंगाल के पहाड़ पर भी धुआंधार प्रचार किया गया. दार्जीलिंग में बिमल गुरूंग समर्थित कैंडिडेट्स के लिए जमकर चुनाव प्रचार किया गया. यहां मोटर स्टैंड के निकट चुनावी सभा से गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष बिमल गुरूंग ने कई पार्टियों पर एक के बाद एक गंभीर आरोप लगाये. बिमल गुरूंग ने इस सभा से आरोप लगाया मैंने जिस हद से ज्यादा प्यार किया था,उसी ने मेरे साथ विश्वासघात किया था.
विमल गुरूंग ने यह भी कहा मैने जिसे सांसद,विधायक बनाया था उन्हीं लोगों ने मेरे साथ विश्वासघात किया था. बता दें कि 2019 में बिमल गुरूंग ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को समर्थन दिया था जिसके कारण बीजेपी ने यहां से जीत हासिल की थी. बिमल गुरूंग ने कहा, पहाड़ की जनता ने पत्थर पर कमल का फूल खिलाया था. मगर बीजेपी ने पहाड़ की जनता के साथ विश्वासघात किया.
बीजेपी ने स्थायी राजनैतिक समाधान से लेकर गोर्खा समुदाय के 11 गोष्ठी को केन्द्रीय जन जाति की सूची में शामिल करने का भरोसा दिलाया था. मगर, बीजेपी ने वो वादा तोड़ दिया. हालांकि अभी बिमल गुरूंग टीएमसी को समर्थन दे रहे हैं.वहीं बिमल गुरूंग ने कहा, बड़ी- बड़ी बातें करने वाली राजनैतिक पार्टियों में अपनी कैंडिडेट्स खड़ी करने की हिम्मत नहीं हैं. बिमल गुरूंग ने पहाड़ के किसी राजनैतिक पार्टियों का नाम लिये बगैर गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा (गोरामूमो) और क्रांतिकारी मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी (क्रामाकपा) समेत अन्य दलों पर निशाना साधा.
बिमल गुरूंग ने कहा, बड़ी- बड़ी बात करने वाले इन पार्टियों में अपने कैंडिडेट्स खड़े करने की हिम्मत नहीं हैं. बिमल गुरूंग ने कहा, गोरामुमो दार्जिलिंग ब्रांच कमिटि के अध्यक्ष अजय एडवार्ड ने पार्टी के लिये काफी अच्छा काम किया. उनके कैंडिडेट बनने को लेकर चर्चा भी तेज थी लेकिन उन्हें कैंडिडेट नहीं बनाया गया. एक ईसाई होने के कारण उन्हें टिकट नहीं मिला.
बिमल गुरुंग ने बीजेपी का नाम लिये बगैर कहा, धर्म और जाति की राजनीति करने वाली पार्टी ने ईसाई होने के कारण अजय एडवार्ड को टिकट नहीं दिया और नीरज जिंबा को टिकट दे दिया. अगर अजय एडवार्ड को उम्मीदवार बनाया जाता तो हमारी पार्टी इसका सपोर्ट जरूर करती और वोट देती. बिमल गुरूंग ने यह भी कहा, 2017 के आन्दोलन के कारण उन्हें अपने साथियों के साथ पहाड़ छोड़ना पड़ा था.
करीब साढ़े तीन सालों तक वो पहाड़ से दूर रहे थे. बिमल गुरूंग ने आरोप लगाया, उनकी पहाड़ पर नहीं होने के कारण कुछ राजनैतिक दलों को यह कहते हुए सुना जाता था कि बिमल गुरूंग का पहाड़ पर लौटना मुश्किल हैं. मैं इसके साथ यह भी कहना चाहता हूं, मुझे पहाड़ की जनता ने नहीं, प्रशासन ने खदेड़ा था. उस दौरान मैंने कहा था मुझे जिस प्रशासन ने बाहर किया है, वहीं प्रशासन मुझे वापस बुलायेगी. आज वैसा ही हुआ हैं. उन्होंने पहाड़ की जनता से अपने कैंडिडेट पेम्बा छिरिंग ओला को वोट देने की अपील की है.
Posted by : Babita Mali