Bengal Election 2021: बंगाल चुनाव के बाकी बचे चार चरणों की वोटिंग के लिए प्रचार जारी हैं. सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने नदिया जिले के कल्याणी में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी की हार की भविष्यवाणी की. एससी, एसटी, ओबीसी का जिक्र भी किया. जबकि, टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी भी चुनावी सभा में एससी, एसटी, ओबीसी का जिक्र करती दिख चुकी हैं. यहां बड़ा सवाल यह है कि आखिर बंगाल चुनाव के बाकी बचे चार चरणों के प्रचार में जुटी राजनीतिक पार्टियां एससी, एसटी और ओबीसी का मुद्दा क्यों उठा रही हैं?
कल्याणी में पीएम मोदी ने कहा ‘ममता दीदी और उनकी पार्टी टीएमसी हार के डर से एससी, एसटी, ओबीसी को गाली दे रही हैं. इन लोगों को दीदी और उनकी पार्टी के गुंडों ने एसटी, एससी, ओबीसी के लोगों को बाकी बचे चार चरणों में वोट नहीं देने से रोकने की प्लानिंग की है.’
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साल 2011 के मुताबिक पश्चिम बंगाल में एसटी की आबादी करीब 52.90 लाख है. यह पश्चिम बंगाल की कुल आबादी की 5.8 फीसदी है. अनुसूचित जाति की आबादी 2.14 करोड़ है. यही कारण है कि बीजेपी के स्टार प्रचारक पीएम मोदी एससी और एसटी वोटर्स को अपने पाले में करने की कोशिश में हैं. सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी की कल्याणी में रैली को भी देखें तो उन्होंने टीएमसी और सीएम ममता बनर्जी पर एससी, एसटी, ओबीस को वोट देने से रोकने की बात कही. पीएम मोदी ने साफ किया है कि ममता बनर्जी को एससी, एसटी, ओबीसी की फिक्र नहीं है.
Perturbed with fear of losing, Didi & her party are crossing all lines. Her people are abusing SCs, STs, OBCs only because they support BJP. Seeing her defeat, Didi has strategised to stop them from voting & facilitate her goons to rig votes: PM Modi in Kalyani#WestBengalPolls pic.twitter.com/qZTXJYtLh2
— ANI (@ANI) April 12, 2021
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बंगाल विधानसभा को देखें तो एसटी के लिए 16 सीटें आरक्षित हैं. राज्य की कुल 294 में से 68 विधानसभा सीटें एससी के लिए रिजर्व हैं. वहीं, एससी और एसटी का प्रभाव आरक्षित सीटों से भी ज्यादा है. बीजेपी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बंगाल की 42 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की थी. उस चुनाव में बीजेपी के साथ एससी और एसटी वोट बैंक भी आए थे. लोकसभा चुनाव में मिले समर्थन के बाद बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में भी एससी, एसटी और ओबीसी को अपने पाले में करने की कोशिश कर रही है. यही कारण है कि पीएम मोदी चुनावी मंच से इनका जिक्र करते अक्सर दिख जाते हैं. अब सारी कोशिश का नतीजा 2 मई को पता चलेगा.