पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के रंग में रंग चुका है. हर तरफ सिर्फ चुनावी शोर ही सुनाई दे रहा है. बंगाल थियेटर जगत में भी इसका असर है. यही वजह है कि बंगाली थियेटर आर्टिस्ट कौशिक कर को नाटक से ने बाहर होना पड़ा. क्योंकि कौशिक कर ने भाजपा ज्वाइन कर लिया.
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने के फैसले के बाद बंगाली थिएटर कलाकार कौशिक कर को सौरव पालोधी के उत्पल दत्त के नाटक “घुम नेई” के रूपांतरण में अभिनय करने से मना दिया गया है .
जबकि कौशिक कर को 2019 में सौरव पालोधी थियेटर ग्रूप इलहेमोटो द्वारा घुम नेई में एक भूमिका निभाने के लिए आमंत्रित किया गया था. वहीं अब सौरव पालोधी का कहना है कि कौशिक कर का राजनीतिक जुड़ाव का कारण उन्हें नाटक से हटाने के लिए पर्याप्त है.
सौरव पालोधी ने कहा है उत्तपल दत्त द्वारा निर्देशित नाटक को का मंचन करने के लिए मैं और कौशिक तैयार हुए थे. इस नाटक में कौशिक को को अखलाख नाम के एक व्यक्ति का किरदार निभाना था. अखलाख नाम का संबंध 2015 के दादरी कांड मामले से था, जहां पर उत्तेजित भीड़ ने मो अखलाक के घर पर हमला किया था. इसके बाद गौमांस खाने के शक में उसकी-पीटकर हत्या कर दी गयी थी.
सौरव पालोधी ने कहा कि जिस व्यक्ति ने भाजपा ज्वाइन कर लिया है, जिसकी विचारधारा बीजेपी वाली है, अगर ऐसा व्यक्ति किसी नाटक में अखलाख का किरदार निभाएगा तो यह नाटक की आत्मा के साथ अन्याय होगा. हालांकि कौशिक कर ने सौरव पालोधी पर निशाना सादते हुए अखलाक के चरित्र को लिखने के लिए कोई श्रेय लेने से इनकार कर दिया.
कौशिक कर ने कहा कि सौरव पालोधी इस तरह से बयान देकर अपनी बेवकुफी को छिपाने का प्रयास कर रहे हैं. कुछ वामपंथी लोग धर्मतल्ला और ब्रिगेड के बीच घूमते रहते हैं और फेसबुक पर एक्टिव रहते हैं. उनका जमीन से कोई कनेक्शन नहीं है पर वो थियेटर को कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं. मुझे थियेटर से निकालने के पीछे कुछ एलीट लोग हैं जिनके अंदर असुरक्षा की भावना है.
Posted By: Pawan Singh