कोलकाता : कोरोना महामारी और निर्वाचन आयोग की सख्ती की वजह से पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार सामग्री की मांग पिछले चुनावों की तुलना में काफी घट गयी है. व्यापारियों का कहना है कि अभी तक प्रचार सामग्री की ज्यादातर मांग तृणमूल कांग्रेस की ओर से आयी है.
तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए अपने सभी 291 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. व्यापारियों ने कहा, ‘पिछले चुनावों की तुलना में इस बार प्रचार सामग्री की मांग काफी कम है. वैश्विक महामारी कोरोना और निर्वाचन आयोग की सख्ती इसकी प्रमुख वजह है.’
हालांकि, व्यापारियों को उम्मीद है कि चुनाव की गर्मी बढ़ने के साथ प्रचार सामग्री की मांग में भी उछाल आयेगा. बड़ाबाजार के व्यापारियों को उम्मीद है कि भाजपा के उम्मीदवारों की पूरी सूची जारी होने के बाद मांग में तेजी आयेगी. भाजपा ने शनिवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के लिए अपने 57 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है.
Also Read: C Voter-Times Now Opinion Poll: बंगाल में चलेगा मोदी मैजिक या ममता फिर आयेंगी सत्ता मेंबड़ाबाजार में चुनाव प्रचार की सामग्री के थोक व्यापारी एसपी टेक्सटाइल के राहुल गंभीर ने कहा, ‘अभी तक 90 प्रतिशत मांग तृणमूल कांग्रेस की है. उम्मीदवारों की सूची जारी होने से पहले ही तृणमूल की ओर से प्रचार सामग्री की मांग आने लगी थी. वाम दलों की मांग पांच प्रतिशत तथा भाजपा की पांच प्रतिशत है. कांग्रेस की ओर से प्रचार सामग्री की अभी कोई मांग नहीं आयी है.’
बड़ाबाजार में पगैयापट्टी की संकरी गलियां प्रचार सामग्री का केंद्र हैं. यहां की दुकानें विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रचार सामग्री से सजी हुई हैं. मुख्य रूप से प्रचार सामग्री में चुनाव चिह्न और राजनीतिक दलों से जुड़े रंग वाली साड़ियां, हूडी, मास्क, झंडे, गुब्बारे और स्कार्फ शामिल हैं. प्रचार सामग्री ऑनलाइन भी उपलब्ध है, लेकिन उनकी बिक्री काफी कम है.
Also Read: Bengal Chunav 2021: पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले राजनीतिक खेमों में बंटा टॉलीवुडफ्लैग कॉरपोरेशन और फ्लैग शॉप के संस्थापक मुंबई के ज्ञान शाह ने बताया कि हमारी बिक्री ऑनलाइन है. लेकिन, हमारे उत्पाद सस्ते नहीं हैं. हम उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की बिक्री कर रहे हैं. चुनाव के दौरान मांग निश्चित रूप से बढ़ेगी, लेकिन महंगे सामान की मांग अधिक नहीं रहती है.
व्यापारियों ने कहा कि उत्पाद के आकार और गुणवत्ता के आधार पर प्रचार सामग्री की कीमत 5 रुपये से 200 रुपये तक है. पश्चिम बंगाल विधानसभा का चुनाव 8 चरणों में होना है. पहले चरण का चुनाव 27 मार्च को और आखिरी चरण का मतदान 29 अप्रैल को है. वोटों की गिनती दो मई को की जायेगी.
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