Bengal Chunav 2021 : पश्चिम बंगाल में होनेवाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस ही नहीं, बल्कि भाजपा ने भी ज्यादा से ज्यादा युवाओं को अपने दल से जोड़ने की मुहिम तेज कर दी है. इसके लिए सोशल मीडिया का तरीका अपनाया जा रहा है. इधर, चुनाव प्रचार व डिजिटल वार के लिए भी सोशल मीडिया का पूरा इस्तेमाल करने पर भी ध्यान दिया जा रहा है. इसके लिए दोनों ही पार्टियों का जोर अपने आइटी सेल को ज्यादा मजबूत करने पर है.
हाल ही में पश्चिम बंगाल दौरे पर आये केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने साइंस सिटी ऑडिटोरियम में उनकी पार्टी के आइटी सेल के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर जरूरी निर्देश दिये थे. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा में आइटी सेल को तवज्जो दी जा रही. बताया जा रहा है कि भाजपा आइटी सेल 80,000 ह्वाट्सएस ग्रुप तैयार कर राज्य के करीब 10 लाख मोबाइल उपभोक्ताओं से जुड़ने की पहल करेगा.
सूत्रों के अनुसार, भाजपा के आइटी सेल की तरफ से राज्य वासियों के मोबाइल में संदेश भेजा जायेगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगाल के प्रति लगाव को जाहिर करने की कोशिश की जायेगी. साथ ही यह बताया जायेगा कि राज्य के लिए प्रधानमंत्री की क्या योजनाएं हैं. भाजपा की आइटी सेल की चार टीम तैयार की जायेगी.
एक टीम का काम राजनीतिक पर्यवेक्षण करना होगा. दूसरी टीम सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए नये-नये कंटेंट तैयार करेगी. तीसरी टीम उसके प्रसार का काम करेगी और चौथी टीम पोस्ट के प्रसार के बाद उसे क्या प्रतिक्रिया मिली, उसका मूल्यांकन करेगी. पिछले साल नवंबर महीने में ही भाजपा के आइटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय को प्रदेश भाजपा का सह-प्रभारी नियुक्त किया गया है. इसी बात से भाजपा की रणनीति का भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह भी सोशल मीडिया का आक्रामक इस्तेमाल करनेवाली है.
राजनीति के पंडितों का मानना है कि बिहार चुनाव के दौरान हुए डिजिटल वार में श्री मालवीय के नेतृत्व में भाजपा आइटी सेल पीछे नहीं रहा था. राज्य में चुनाव से पहले उनकी मौजूदगी के कारण संभवत: सत्तारूढ़ दल भी सोशल मीडिया पर खुद को और मजबूत करने पर जोर दे रही है. अपने आइटी सेल को और मजबूत करने के लिए तृणमूल कांग्रेस ने अपने आइटी सेल के कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया भी शुरू की है
उन्हें प्रशिक्षण देने की शुरुआत 12 फरवरी से हुई है. प्रशिक्षण राज्य के हर विधानसभा क्षेत्र में मौजूद तृणमूल के आइटी सेल के कार्यकर्ताओं को दी जायेगी, ताकि वे चुनाव के पहले से शुरू हुए डिजिटल वार में राज्य में प्रमुख विपक्षी पार्टी के तौर पर उभरी भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकें. तृणमूल के प्राय: हर सांसद व विधायकों व अन्य वरिष्ठ नेताओं का ट्विटर व फेसबुक पर अकाउंट है, लेकिन हर कोई सोशल मीडिया पर सक्रिय नहीं है. सूत्रों के अनुसार, राज्य के हर विधानसभा क्षेत्र के लिए अलग-अलग तृणमूल फेसबुक पेज बनाया जायेगा और उन क्षेत्रों में रहनेवाले ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने की कोशिश की जायेगी.
Posted by : Avinish Kumar Mishra