बोकारो : विवादित जमीन पर गेहूं की फसल में पटवन की इजाजत लेने पहुंचे नारायणपुर के बुजुर्ग किसान आनंद लाल महतो (72 वर्ष) को चास एसडीएम ने अपने कार्यालय से बाहर निकलने को कहा. किसान मायूस हो कर वहां से निकल रहे थे और कार्यालय के दरवाजे पर ही उन्हें दिल का दौरा पड़ गया. कुछ देर बाद ही उनकी मौत हो गयी. अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
बुजुर्ग किसान के साथ उनका छोटा बेटा विजयलाल महतो भी मौजूद था. उसका कहना है कि एसडीएम के व्यवहार से पिता को गहरा सदमा लगा. विजयलाल ने कहा कि वह कुल पांच भाई हैं. एक भाई बाहर कमाने गया है. उसके लौटने के बाद इस मामले में निर्णय लिया जायेगा कि क्या करना है. उसने बताया कि पिताजी ने गेहूं की खेती की है.
चार दिन पहले एसडीएम कार्यालय से नोटिस आया, जिसमें उक्त जमीन पर धारा-144 लगाने और यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया गया था. साथ ही पिता जी को 11 जनवरी को कार्यालय में हाजिर होने का आदेश दिया गया. इधर, नियमित पानी नहीं मिलने के कारण गेहूं की फसल सूख रही है.
सूखती फसल को देख पिता जी दुखी थे. वे फसल में पटवन के संबंध में एसडीएम से जानकारी लेने पहुंचे थे. लेकिन, एसडीएम ने विवादित जमीन में किसी प्रकार का हस्तक्षेप करने से सीधे मना कर दिया और कार्यालय से बाहर चले जाने को कहा.
देर शाम चास एसडीएम किसान के घर पहुंचे. यहां उन्होंने परिजनों को सांत्वना दी. साथ ही विवादित जमीन का निरीक्षण भी किया. कहा : चूंकि मामला कोर्ट तक पहुंच गया है, तो इसकी सुनवाई तय है. सभी पहलुओं पर जांच होगी और पीड़ित को न्याय मिलेगा. सांत्वना व आश्वासन के बाद परिजन ने चेकपोस्ट स्थित गरगा नदी श्मशान घाट पर शव का अंतिम संस्कार किया.
हम भी नौकरी करते हैं, एकतरफा फैसला नहीं दे सकते. बुजुर्ग किसान जमीन पर से धारा-144 हटाने की मांग कर रहे थे. मैंने उनसे कहा कि अभी कोई फैसला नहीं सुना सकता हूं. आप तारीख के दिन (11 जनवरी) ही आइए. इसके बाद बुजुर्ग अपने पुत्र के साथ कार्यालय से बाहर निकल गये. अचानक उन्हें दर्द की सूचना मिली, तो एक वाहन देकर अस्पताल भिजवाया, पर उनकी मृत्यु हो गयी. इससे मुझे गहरा दुख हुआ है. – शशि प्रकाश सिंह, एसडीएम, चास
Posted By : Sameer Oraon