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Chanakya Niti: इन लोगों से भूलकर भी नहीं करनी चाहिए दुश्मनी, होता है अपना विनाश, जानिए क्या कहते है आचार्य चाणक्य…

Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य एक महान शिक्षक होने के साथ साथ अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र और कूटनीति शास्त्र के विशेषज्ञ थे. वहीं, आचार्य चाणक्य श्रेष्ठ विद्वान माने जाते हैं. चाणक्य ने हर उस रिश्ते का बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था, जो मनुष्य को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं. इन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्यों की प्राप्ति की है.

Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य एक महान शिक्षक होने के साथ साथ अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र और कूटनीति शास्त्र के विशेषज्ञ थे. वहीं, आचार्य चाणक्य श्रेष्ठ विद्वान माने जाते हैं. चाणक्य ने हर उस रिश्ते का बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था, जो मनुष्य को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं. इन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्यों की प्राप्ति की है. चाणक्य को राजनीति और कूटनीति का माहिर माना जाता है. चाणक्य ने हर उस विषय का अध्ययन किया है जो मनुष्य को प्रभावित करता है.

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में एक महिला समेत तीन ऐसे लोगों के बारे में बताया है कि जिनके साथ दुश्मनी करना किसी भी मनुष्य को महंगा पड़ सकता है, क्योंकि इनके साथ शत्रुता करने पर मनुष्य स्वयं के ही जीवन का विनाश कर लेता है. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में मनुष्य को कई महत्वपूर्ण उपदेश दिए हैं. जोकि मानव जाति के लिए कल्याणकारी हैं. आइए जानते हैं ऐसे ही पुरुष और स्त्रियों के बारे में जिनसे दुश्मनी करना आपको महंगा पड़ सकता है. आइए जानते है कि कौन से ऐसे व्यक्ति है जिनसे शत्रुता करने पर अपना ही विनाश होता है.

सहनशील व्यक्ति से शत्रुता नहीं करनी चाहिए

चाणक्य के अनुसार कभी किसी सहनशील व्यक्ति से शत्रुता नहीं करनी चाहिए. क्योंकि यह प्राणघातक हो सकती है. साधारण सी बात है जो व्यक्ति सहन करता है सभी उसपर ही अत्याचार करते हैं. उसका मजाक बनाते हैं. उसे कष्ट मिलता हैं लेकिन सहनशील व्यक्ति उसे सहन करने की ताकत भी रखता है. लेकिन चाणक्य कहते हैं कि एक सहनशील व्यक्ति एक विशालकाय सागर की तरह होता है, जबतक वह सहन करता है तभी तक सभी को आनंद मिलता है, लेकिन जब उसकी सहन करने की शक्ति समाप्त हो जाती है, तो वह किसी समुन्दर में आए तुफान की तरह अपनी सभी मर्यादाओं को भूलकर सबकुछ तहस-नहस कर देता है. जब सहनशील व्यक्ति अपना आपा खो देता है तो वह खुद के प्राणों की भी चिंता नहीं करता है. वह, सबकुछ नष्ट कर देता है.

ज्ञानी पुरुष

आचार्य चाणक्य के अनुसार किसी ज्ञानी अथवा विद्वान व्यक्ति से भी शत्रुता अच्छी नहीं करनी चाहिए. बल्कि ज्ञानी और बुद्धिमान पुरुष से मित्रता करना ही उचित है. इनसे शत्रुता करने पर व्यक्ति स्वयं का ही नुकसान करता है. बुद्धिमान से मित्रता करने पर व्यक्ति बहुत कुछ सीख सकता है. अपने जीवन का कल्याण कर सकता है. इनसे शत्रुता करने पर उसे कुछ नहीं मिलेगा. वह स्वयं ही द्वेष की अग्नि में जलकर भस्म हो जाएगा. लेकिन ज्ञानी व्यक्ति का कौन क्या बिगाड़ सकता है.

चरित्रहीन स्त्री से दुश्मनी

एक बुद्धिमान पुरुष को चरित्रहीन स्त्री के निकट भी नहीं जाना चाहिए. किसी भी चरित्रहीन स्त्री से शत्रुता तो कतई भी नहीं करनी चाहिए. चरित्रहीन स्त्री से किसी को प्रेम हो जाए तो उसका विनाश होना तो तय है. ऐसी स्त्री से जितना जल्दी हो सके दूर जाने में ही भलाई है. अगर कोई पुरुष भूलवश यह समझ बैठता है कि वह चरित्रहीन स्त्री उससे प्रेम करती है तो उसका अनर्थ होने ही वाला है. ऐसी महिला से धोखा मिलने पर भी दुखी नहीं होना चाहिए. आपको अपने कार्यों में लगे रहना चाहिए. आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसे किसी भी व्यक्ति और महिला से अकारण ही शत्रुता नहीं करनी चाहिए. किसी को कमजोर समझकर उसका बल पूर्वक भयादोहन नहीं करना चाहिए. ऐसा करने वाला मनुष्य नीच की श्रेणी में आता है.

News Posted by: Radheshyam Kushwaha

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