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बिहार के नये बने निकायों में छह माह के अंदर कराना होगा चुनाव, जानें क्या है वजह…

राज्य के नवगठित नगर निकायों में छह माह के भीतर निकाय चुनाव होंगे. कैबिनेट की ओर से स्वीकृति के बाद अब नये नगर निकायों को लेकर आम लोगों से दावा -आपत्ति लेने का काम किया जा रहा है. 30 दिनों की मियाद जनवरी के अंत में पूरी होगी. समय- सीमा पूरी होने के बाद नगर विकास व आवास विभाग की ओर से इससे निबटने का काम किया जायेगा. इसके बाद राज्यपाल की ओर से अधिसूचना जारी कर दी जायेगी और फिर नये निकाय अस्तित्व में आ जायेंगे.

राज्य के नवगठित नगर निकायों में छह माह के भीतर निकाय चुनाव होंगे. कैबिनेट की ओर से स्वीकृति के बाद अब नये नगर निकायों को लेकर आम लोगों से दावा -आपत्ति लेने का काम किया जा रहा है. 30 दिनों की मियाद जनवरी के अंत में पूरी होगी. समय- सीमा पूरी होने के बाद नगर विकास व आवास विभाग की ओर से इससे निबटने का काम किया जायेगा. इसके बाद राज्यपाल की ओर से अधिसूचना जारी कर दी जायेगी और फिर नये निकाय अस्तित्व में आ जायेंगे.

दो फेज में राज्य में 117 नये नगर निकाय बनाये गये हैं

गौरतलब है कि दो फेज में राज्य में 117 नये नगर निकाय बनाये गये हैं. इनमें 109 नये नगर पंचायत और आठ नये नगर पर्षद हैं, जबकि 32 नगर पंचायतों को उत्क्रमित कर नगर पर्षद बनाया गया है. 12 नगर पर्षदों का सीमा विस्तार किया गया है और पांच नये नगर निगम बनाये गये है.

2022 में होना है नगर निकायों का आम चुनाव

वैसे तो राज्य के नगर निकायों के आम चुनाव वर्ष 2022 में होने वाले हैं, लेकिन जो नगर निकाय नये अस्तित्व में आये हैं, उनमें पंचायत चुनाव नहीं हो रहे हैं. अगर, उन नये निकायों में इस साल चुनाव नहीं होते हैं, तो उनको आम निकाय चुनाव के लिए एक साल का इंतजार करना होगा. ऐसी स्थिति में उन जगहों पर करीब एक साल न नगर सरकार रहेगी और न ही पंचायत सरकार. निकाय के बारे में जानकारी रखने वालों की मानें, तो एक साल तक नव गठित निकायों को ऐसे ही छोड़ा जाना व्यावहारिक नहीं है. इसलिए इसकी पूरी संभावना है कि उन जगह राज्यपाल की ओर से अधिसूचना जारी होने के छह माह के भीतर चुनाव हों.

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कई जगहों से आ रही दावा- आपत्ति

नये निकायों में कई जगहों से दावा- आपत्ति आ रही है. नये निकायों से सटे गांव जो निकाय में शामिल नहीं हो पाये हैं, वे जिलाधिकारी स्तर पर जाकर नगर निकाय में शामिल होने की कोशिश में हैं. इसके उलट कई जगहों पर निकाय में शामिल होने पर आपत्ति भी है. मौजूदा नगर पर्षद बेतिया में नौ पंचायतों के कई गांवों को शामिल कर नया नगर निगम बनाया गया है. अब विधायक से लेकर पंचायतों के जनप्रतिनिधि एतराज जता रहे हैं कि राज भितहां, बगही बघम्बरपुर, सिसवा, सरैया, बगही रतनपुर, बैरिया, पटजिरवा, मलाही बलुआ, तुमकडिया, तधवानंदपुर, मोतीपुर ग्राम पंचायत बेतिया मुख्यालय से 15 से 18 किमी दूर हैं, इनको नगर निगम में शामिल नहीं किया जाये. मधुबनी में सप्ता, राघोपुर बलाट, रांटी पलीवार आदि पंचायतों को शामिल होने पर आपत्ति है. इसके अलावा भी कई जगहों के मामले हैं.

Posted By :Thakur Shaktilochan

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