नयी दिल्ली : ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत में कोरोना के दो वैक्सीन (Corona Vaccine) के इमरजेंसी इस्तेमाल (Emergency Use) को मंजूरी दे दी है. उन्होंने कोरोना वैक्सीन को 100 फीसदी सुरक्षित बताया है और कहा है कि किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें. वैक्सीन के साइड इफेक्ट (Side Effect of Vaccine) पर डीसीजीआई ने कहा कि हर वैक्सीन का कुछ न कुछ साइड इफेक्ट होता है. लेकिन कोरोना वैक्सीन का कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं होगा. हल्के प्रभाव शरीर पर दिखने का मतलब होता है कि वैक्सीन असर कर रहा है.
विशेषज्ञों ने भी वैक्सीन को सुरक्षित बताया है. कहा है कि साइड इफेक्ट होना इस बात का प्रमाण होता है कि वैक्सीन हमारे शरीर पर असर कर रहा है. हालांकि गंभीर दुष्प्रभाव से इनकार किया गया है. यह वैक्सीन दो डोज में लगायी जायेगी. दोनों डोज के बीच करीब 28 दिन का अंतर होगा. पहला डोज लगवाने के बाद भी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करना होगा. लापरवाही बरतने पर संक्रमण के चपेट में आने की प्रबल संभावना है.
पिछले साल हरियाणा के केंद्रीय मंत्री अनिल विज ने भी ट्राइल के दौरान कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लगवाया था. उसके 15 दिन बाद वह कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे. उस समय भी वैक्सीन बनाने वाली कंपनी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सफाई दी थी कि कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगवाने के कुछ दिन के बाद शरीर में इस वायरस से लड़ने की क्षमता विकसित होती है. ऐसे में पहला डोज लेने के बाद किसी भी प्रकार की लापरवाही नुकसान पहुंचा सकती है.
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ट्रायल के समय भी पहली डोज के 28 दिन बाद दूसरा डोज दिया जा रहा था. टीकाकरण के समय भी ऐसा ही होगा. पहला डोज लगाने के 28 दिन बाद दूसरा डोज लगवाना होगा. दोनों डोज लेने के एक से दो सप्ताह के बाद शरीर में कोरेानावायरस से लड़ने वाले एंटीबॉडी डेवलप होते हैं. बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमित लोगों को स्वस्थ होने के बाद ही कोरोना वैक्सीन लगवाई जायेगी.
कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण के लिए सरकार ने एक रूप रेखा तैयार कर ली है. सेंटर पर वैक्सीन के ले जाने से लेकर लोगों के लगाने और निगरानी तक की व्यवस्था की गयी है. वैक्सीन स्वैच्छिक होगा. किसी को भी जबरन वैक्सीन नहीं लगायी जायेगी. सेंटर पर चिकित्सकों की पूरी टीम मौजूद रहेगी. वैक्सीन लगाने से पहले स्वास्थ्य जांच की जायेगी. कोरोना संदिग्ध लोगों को टीका नहीं लगाया जायेगा. टीका लगाने के बाद व्यक्ति को आधे घंटे तक सेंटर पर ही रुकना होगा. इस दौरान निगरानी की जायेगी कि कोई गंभीर साइड इफेक्ट तो नहीं हो रहा है.
सेंटर पर दुष्प्रभाव से निपटने के लिए सभी प्रकार की दवाइयां मौजूद रहेंगी. वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा. सरकार ने इसके लिए कोविन नाम से एक ऐप डेवलप किया है. इस पर रजिस्ट्रेशन से लेकर टीकाकरण तक कर पूरी प्रक्रिया अपडेट की जायेगी. कोरोना वैक्सीन लग जाने के बाद पोर्टल पर दर्ज किये गये रिकार्ड में काला बटन पीला हो जायेगा. इससे यह भी पता चल सकेगा कि किसे कोरोना की पहली डोज लग चुकी है और किसे पहली डोज नहीं लगी है.
भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल वीजी सोमानी ने दोनों वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद कहा कि यदि सुरक्षा संबंधी थोड़ी भी चिंता होती तो हम कभी भी इसे इस्तेमाल की मंजूरी नहीं देते. उन्होंने कहा कि यह दोनों टीके 100 फीसदी सुरक्षित हैं. उन्होंने आगे कहा कि हल्का बुखार, दर्द और एलर्जी जैसे कुछ दुष्प्रभाव (साइड इफेक्ट) हर टीके के लिए आम हैं. उन्होंने कहा कि इससे नपुंसक होने की बात बकवास है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने भी वैक्सीन को लेकर फैलाए जा रहे अफवाहों से बचने की सलाह दी.
Posted by: Amlesh Nandan.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.