शरीर को स्वस्थ रखने में योग (Yoga) के आसनों को सबसे कारगर उपाय बताया जाता है. आज योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल चुकी है. पूरी दुनिया इस बात को मान चुकी है कि योग के माध्यम से न केवल शरीर को चुस्त और तंदुरुस्त रखा जा सकता है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों से भी लड़ा जा सकता है. कोरेंटिन सेंटरों में आपने कोरोना पॉजिटिव लोगों को भी योग करते जरूर देखा होगा.
आज हम आपको पांच ऐसे ही योगासन के बारे में बताने जा रह हैं, जिससे शरीर को चुस्त और तंदरुस्त बनाया जा सकता है. इसमें चक्रासन, चेयर पोज, नौकासन, इंजन दौड़ और त्रिकोणासन प्रमुख हैं. इन सभी आसनों को करने की प्रक्रिया और बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में आज हम आपको बता रहे हैं. इन आसनों से शरीर का आलस भी दूर होता है.
चक्रासन : चक्रासन दो शब्दों से मिलकर बना है. चक्र का मतलब होता है पहिया और आसन का मतलब होता है योग मुद्रा. इसका सीधा से मतलब है कि आपको अपने शरीर को पहिए के जैसा बनाना है. इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सीधा लेट जाएं, उसके बाद अपने हाथों को पीछे की सिर के ऊपर टिका दें. घुटने से पैरों को मोड़ लें. उसके बाद शरीर के बीच वाले भाग को ऊपर उठाने का प्रयास करें. शरीर के बीच के भाग को इतना ऊपर उठाएं कि शरीर लगभग चक्र के जैसा हो जाए. यह आसन आराम से करें, कोई हड़बड़ी न करें.
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चेयर पोज : इस आसन को उत्कटासन भी कहते हैं. इसमें शरीर को कुर्सी के आकार में बनाना होता है. इसे करने के लिए दोनों पैरों के बीच थोड़ा फासला रखते हुए सीधे खड़े होना होता है. हाथों को सामने की सीधा फैलाते हुए हथेली जमीन की ओर रखनी होती है. कोहनियां सीधी रहे. फिर पैरों के घुटनों को मोड़ते हुए धीरे धीरे नीचे बैठने का प्रयास करें. आपका पोज ऐसा होना चाहिए जैसे कि आप एक काल्पनिक कुर्सी पर बैठे हों. इसी स्थिति में कुछ देर तक बने रहें. इस समय आपके रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए और आराम से सांस लेते रहें.
त्रिकोणासन : इस आसन से भी आपका शरीर हल्का होता है और मोटापा से छुटकारा मिलता है. इस आसन को करने के लिए दोनों पैरों के बीच दो से तीन फिट का फासला बनाकर सीधे खड़े हो जाएं. दायें पैर को दायीं ओर मोड़ कर रखें. दोनों हाथों को कंधे की ऊंचाई तक फैला लें. अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए दाहिनी ओर झुकें. झुकते समय नजरों को सामने रखें. झुकते हुए दायें हाथ से दायें पैर को छूने की कोशिश करें. बायां हाथ आसमान की ओर ऊपर रखें. अब अपनी नजरें बायें हाथ की अंगुलियों की ओर ले जाएं. वापस पुरानी अवस्था में आएं और फिर इस क्रिया को दोहराएं.
नौकासन : इस आसन में आपको अपने शरीर को नाव की तरह मोड़ना है. सामान्यत: इस आसन को चक्रासन के बाद करने की सलाह दी जाती है. इस आसन को करने के लिए पीठ के बल सीधा लेट जाएं. दोनों पैरों को एक साथ जोड़ लें और दोनों हाथों को सिर के उपर उठा लें. हाथ और पैर दोनों सीधा रखें. एक लंबी गहरी सांस लेते हुए हाथों और पैरों को एक साथ ऊपर की ओर सीधा उठाएं. इस दौरान आपकी कमर जमीन से स्पर्श करती रहे. पैरों और हाथों की अंगुलियां एक सीध में होनी चाहिए. आसन के समय आपका शरीर एक नौका के आकार का दिखेगा.
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इंजन दौड़ : इंजन दौड़ योग स्टीम इंजन की तरह ही होता है. जैसा स्टीम इंजन चलते हुए छुक-छुक की आवाज करता है, वैसे ही इस योग क्रिया में भी किया जाता है. इसमें आपको अपने दोनों हाथों और दोनों पैरों को वैलेट के समान चलाना पड़ता है. साथ ही एक जगह पर खड़े होकर दौड़ने की क्रिया करनी होती है. इस दौरान हाथों को तेज गति से आगे पीछे करना होता है. इंजन दौड़ से फेफड़ों में ताजी हवा भरती है. इससे नाड़ियों का भी तेजी से विकार होता है.
Posted By: Amlesh Nandan.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.