Posted By : Guru Swarup MishraNew Year 2021, Saraikela-Kharsawan news, सरायकेला (शचिंद्र कुमार दाश) : वर्ष 2021 में सरायकेला-खरसावां (Saraikela-Kharsawan ) जिले को कई सौगात मिलने वाली है. राज्य व केंद्र सरकार की अलग-अलग योजनाओं से सरायकेला-खरसावां जिले के विकास को रफ्तार मिलेगी. जिले में आवागमन से लेकर शिक्षा, पर्यटन, रोजगार के क्षेत्र में कई तोहफा मिलने वाला है. इसकी तैयारी शुरू हो गयी है. एकलव्य मॉडल स्कूल (Eklavya Model School), खादी पार्क (Khadi Park) , डिग्री कॉलेज (Degree College) , चांडिल डैम (Chandil Dam) एवं दलमा वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी (Dalma Wild Life sanctuary) जैसे कई बदलाव से तस्वीर बदलेगी.
सरायकेला-खरसावां जिले के कुचाई प्रखंड के गालूडीह व राजनगर प्रखंड के खैरबनी गांव में जल्द ही एक-एक नए एकलव्य मॉडल विद्यालय खुलेंगे. केंद्र के आदिवासी मामलों के मंत्रालय से 15-15 एकड़ जमीन पर स्कूल खोला जायेगा. प्रत्येक विद्यालय में 480 छात्रों का नामांकन होगा. विद्यालय में अजजा श्रेणी के बच्चों के लिए आवास, भोजन व किताब के अलावा सभी प्रकार की आवश्यक सुविधाएं नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी. बच्चों के मनोरंजन के लिए उनकी इच्छानुसार कम से कम चार प्रकार के खेलों की व्यवस्था होगी. प्रत्येक विद्यालय के निर्माण पर 24 करोड़ की राशि खर्च होगी. स्कूल समेत हॉस्टल, भोजन व कपड़े की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी. बच्चों में रोजगारपरक, प्रतियोगितात्मक क्षमता के विकास के लिए विद्यालय में ही नि:शुल्क ट्यूशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
वनोत्पाद के बंपर उत्पादन से पहचान बना चुका सरायकेला-खरसावां जिला के कुचाई अब झारखंड व बाहर के लोगों को महुआ का स्वाद चखाएगा. अधिकतर लोग महुआ को शराब से जोड़ कर देखते हैं, परंतु कुचाई के बड़ासेगोई व आस पास के गांव के लोग महुआ से बने आचार, चटनी, मिठाई की स्वाद जमाने को चखाने की तैयारी कर रहे है. दरअसल घने जंगलों से घीरे कुचाई प्रखंड के बड़ा सेगोई गांव में इनोवेटिव झारखंड योजना के तहत महुआ प्रोसेसिंग प्लांट का निर्माण किया गया है. कार्यकारी एजेंसी सोल्यूशन की ओर से महुआ प्रोसेसिंग प्लांट का भवन को पूर्ण होने के साथ साथ मशीन व उपकरणों का अधिष्ठापन कर दिया गया है. इसका रन ट्रायल भी कर लिया गया है. पहले फेज में यहां महुआ का प्रोसेसिंग कर इसे पैकेट में भर में स्थानीय बाजार के साथ साथ बाहर भेजा जायेगा. इसके पश्चात यहां महुआ से महुआ का लड्डू, महुआ चिक्की, महुआ किसमिस, महुआ जैम, महुआ चटनी आदि बनाने का कार्य इसी माह से शुरु होगा. महुआ के उन उत्पादों की झारखंड के साथ साथ दूसरे राज्यों में भारी मांग है. यहां का महुआ पूरी तरह से ऑर्गेनिक है.
राजनगर के खादी पार्क को नये साल में चालू करने की प्रशासनिक स्तर पर तैयारी शुरु हो गयी है. चारदिवारी व छोटे आकार का एक भवन भी बनाया गया है. खादी पार्क तक जाने के लिये सड़क नहीं है. कच्चा सड़क के रास्ते पार्क तक जाना पड़ता है. अब यहां सड़क बनाने की तैयारी हो रही है. राजनगर के खादी पार्क के बनने से एक सौ से अधिक महिलाओं को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार मिलेगा. तसर कोसा से रीलिंग-स्पीनिंग का कार्य करने वाली महिलाओं को प्रतिदिन दो से तीन सौ रुपये तक का रोजगार कर सकेंगी. महिलायें अपने घर में भी कार्य कर सकेंगी. पार्क परिसर में कपड़ों के उत्पादन, प्रशिक्षण व प्रदर्शनी के लिये भी व्यवस्था होगी. खादी पार्क में शुरुआती दौर में सुत कताई पर पूरा जोर रहेगा. पार्क में खादी व सिल्क कपडों का एक इंपोरियम भी बनाया गया है. इसके कपडों की प्रदर्शनी के साथ साथ बिक्री की भी व्यवस्था होगी. यहां तसर कोसा से सुत कताई से लेकर कपडों की बुनाई तक का कार्य भी होगा. राजनगर प्रखंड के हेंसल, सिजुलता, कुनाबेड़ा, मतकमबेड़ा व महुलडीह गांव में भी प्रशिक्षण केंद्र खोला गया था.
खरसावां के बुरुडीह में डिग्री कॉलेज के भवन का निर्माण कार्य वर्ष 2021 में पूर्ण हो जायेगा. इससे इससे बच्चों को प्लस टू की पढ़ाई करने में सहुलियत होगी. बुरुडीह में खुलने वाली डिग्री कॉलेज की पढ़ाई के लिये कोल्हान विश्व विद्यालय ने व्याख्याता से लेकर ऑफिस स्टॉफ का पद स्वीकृत कर दिया है. साथ ही सरायकेला के पठानमारा गांव में बन रही महिला कॉलेज का भवन भी वर्ष 2021 में ही बन कर पूर्ण हो जायेगी. वर्तमान में महिला कॉलेज की पढ़ाई खरसावां के महिला पॉलिटेक्निक भवन में हो रही है.
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये केंद्र सरकार द्वार शुरु की गयी स्वदेश दर्शन योजना से जिला के चांडिल डैम व दलमा दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी जुड़ेगी. इसके तहत इन दो पर्यटन स्थलों को इको टूरिज्म के लिये विकसित किया जाएगा. पूर्व में ही इस योजना को केंद्र सरकार से सहमति मिल चुकी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण काल में इसका काम शुरू नहीं हो सका था. नये साल में इस पर कार्य शुरु होगा. इन स्थलों पर पर्यटकों की सुविधाओं और आवागमन के साधन विकसित होंगे. सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा. इन केंद्रों में अभी भी काफी संख्या में पर्यटक घूमने जाते हैं, लेकिन यहां सुविधाओं की कमी है. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने इन केंद्रों में विकास की योजना तैयार की है. इन पर्यटन स्थलों में पिकनिक की सुविधा मुहैया कराई जाएगी. बच्चों के मनोरंजन और खेल-कूद का पूरा ख्याल रखा जाएगा. वाटर स्पोर्ट्स आकर्षण का केंद्र होगा. रेस्तरां में फास्ट फूड से लेकर देश के सभी राज्यों के व्यंजन उपलब्ध होंगे. आराम के लिए रिसॉट भी बनाए जाएंगे.
नए वर्ष पर सरायकेला को नए बस स्टैंड के रूप में सौगात मिलेगी. नगर पंचायत द्वारा दो करोड़ 31 लाख की लागत से नया बस स्टैंड का निर्माण किया जा रहा है. बस स्टैंड का निर्माण कार्य प्रगति पर है. उम्मीद है नए वर्ष 2021 में यह पूरा हो जाएगी और लोगों को इसका लाभ मिलेगा. नए बस स्टैंड आधुनिक सुविधाओं से युक्त रहेगी. यात्रियों के ठहराव से लेकर टिकट काउंटर, शौचालय सहित अन्य सुविधाएं रहेगी. नए स्टैंड के निर्माण से सरायकेला से दूरी तक बसों का परिचालन भी होगा जो जिला वासियों के लिए सौगात है.
वर्ष 2021 में जिला मुख्यालय सरायकेला से राजनगर तक की सड़क बन कर तैयार हो जायेगी. साथ ही खरकई नदी पर तितीरबिला घाट पर पुल का निर्माण कार्य भी पूर्ण हो जायेगी. पीडब्लूडी के इस सड़क व पुल के बन जाने से लोगों को आवागमन में सुविधा होगी. पिछले कई साल से सड़क व पुल का निर्माण कार्य अधुरा पड़ा हुआ है. इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
चांडिल के घोड़ानेगी से नीमडीह के आदारडीह तक बन रहे चांडिल बाईपास सड़क निर्माण का कार्य जोरों पर है. करोड़ों रुपए की लागत से बन रहे चांडिल बाईपास में चांडिल स्टेशन के समीप पितकी रेलवे फाटक को देखते हुए ओवर ब्रिज बनाया जा रहा है, जो 2021 में पूर्ण हो जाएगा. जिससे टाटा पुरुलिया मार्ग पर सफर कर रहे छोटे बड़े वाहनों को चांडिल जाम से निजात मिलेगी. यह चांडिल के लोगों का बहुत पुराना मांग थी. इसके अलावे चांडिल चांडिल बाईपास सड़क का निर्माण भी 2021 में पूर्ण हो जायेगी. इस सड़क के बन जाने से चांडिल जाम से निजात मिलेगी. चांडिल जाम से निजात पाने को लेकर चांडिल बाईपास सड़क निर्माण का कार्य जोरों पर है. चांडिल बाजार के दो रेलवे फाटक के कीनारे चांडिल बाईपास सड़क का निर्माण कराया जा रहा है. दोनों फाटक बंद रहने से चांडिल में भयानक जाम की स्थिति बन जाती थी. जिसको देखते हुए चांडिल बाईपास का निर्माण कराया जा रहा है. नए साल में चांडिलवासियों को जाम से निजात मिलेगी.
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