Junior Doctor Strike in Bihar: स्टाइपेंड में वृद्धि को लेकर हड़ताल पर गये बिहार के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के जूनियर डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग के बीच गतिरोध खत्म होने का आसार नहीं दिख रहा है. पिछले आठ दिनों से जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल से मरीज बेहाल हैं. पीएमसीएच, एनएमसीएच, डीएमसीएच समेत विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में चल रही हड़ताल से इलाज व्यवस्था चरमरा गयी है.
इधर, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और ‘हम’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के बाद अब बिहार कांग्रेस भी हड़ताली डॉक्टरों के समर्थन में खड़े हो गई है. बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता हरखु झा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त कराने के मामले में हस्तक्षेप की मांग की है. उन्होंने कहा है कि राज्य में विधि–व्यवस्था तो पहले से चरमरा चुकी है.
स्वास्थ्य व्यवस्था भी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से बदतर स्थिति में पहुंच रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप कर हड़ताल को तुरंत वापस करवाने की मांग की. डॉ झा ने कहा है कि डॉक्टरों की मांग महंगाई के हिसाब से जायज है. पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की अर्थनीति के कारण देश में एक समान आवश्यक वस्तुओं की कीमत लगातार बढ़ रही हैं.
वैसी स्थिति में दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों के डॉक्टरों को यदि 70 से 90 हजार रुपये स्टाइपेंड मिलते हैं ,तो बिहार के डॉक्टरों को उसके समकक्ष मिलना चाहिए. यदि और भी कोई जायज मांग उनकी लंबित है, तो सरकार को वार्ता कर जल्द- से -जल्द हड़ताल को समाप्त कराना चाहिए. बता दें कि जीतनराम मांझी ने ट्वीट कर सीएम नीतीश से आग्रह किया था कि जूनियर डॉक्टरों की सभी मांगों को मान ली जाए और हड़तास समाप्त कराया जाए.
Posted By: Utpal kant