पप्पू भगत हत्याकांड में खगड़िया पुलिस ने रविवार सुबह छापेमारी कर षड़यंत्रकारी छोटू यादव को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद इसकी सूचना भागलपुर पुलिस को दी गयी. खगड़िया पहुंची भागलपुर पुलिस टीम को छोटू यादव को सौंप दिया गया. छोटू यादव को लेकर भागलपुर पहुंची पुलिस ने देर रात तक उससे पूछताछ की. इसमें छोटू ने हत्याकांड से संबंधित कई जानकारियां पुलिस को दी.
पप्पू भगत हत्याकांड के लिए गठित एसआइटी ने तकनीकी जांच के क्रम में पाया कि हत्याकांड के बाद कांड में नामजद अभियुक्तों ने सबसे ज्यादा नवगछिया के गोपालपुर थाना क्षेत्र के चपड़घट गांव निवासी छोटू यादव से फोन पर बात की थी. खगड़िया के ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि हत्याकांड के बाद देर रात छोटू ही टिंकू यादव के परिवार के लोगों को लेकर कहीं फरार हो गया था. दो दिनों से उसे खगड़िया जिला के पसराहा थाना क्षेत्र स्थित बंदेहरा गांव में वह देखा जा रहा था.
कुछ लोगों का मानना है कि छोटू फिर से गांव में ही किसी घटना को अंजाम देने के फिराक में था. शनिवार दोपहर भागलपुर पुलिस को सूचना मिली थी कि छोटू यादव को पसराहा थाना क्षेत्र के ही बिशु बाबा स्थान के पास एक स्कॉर्पियो पर सवार कुछ लोगों से बातचीत करते देखा गया था. करीब आधे घंटे तक वह उसी जगह बातचीत करता रहा. इस बात की जानकारी भागलपुर पुलिस ने पसराहा थाना को दी थी. पर जब तक पुलिस मौके पर पहुंची तब तक छोटू वहां से निकल चुका था. इसके बाद पसराहा थानाध्यक्ष ने खुद छोटू को ट्रैक करना शुरू किया. रविवार सुबह करीब आठ बजे वह बंदेहरा गांव से ही पकड़ा गया.
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पूछताछ में छोटू ने बताया कि 4 दिसंबर हत्याकांड के दिन वह मुंगेर जिला के जमालपुर में था. हत्याकांड में शामिल एक अभियुक्त रतन साह भी मुंगेर जिला का ही रहने वाला था. जिससे मामले का मुंगेर कनेक्शन भी स्पष्ट है. वहीं हत्याकांड में शामिल दो अन्य शूटरों के भी मुंगेर जिला का होने की जानकारी मिली है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हत्याकांड के दिन साजिशकर्ता छोटू यादव जमालपुर में ही रह कर हत्याकांड की पल पल की जानकारी ले रहा था. वहीं हत्या के ठीक बाद वह जमालपुर से सीधे बंदेहरा गांव पहुंचा. उसने टिंकू यादव के परिवार के सदस्यों को एक कार में बैठाया और किसी सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचा दिया.
छोटू ने बताया कि उसकी बहन की शादी बंदेहरा में हुई है. नवगछिया में कई तरह के आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के बाद से ही उसने अपना गांव छोड़ दिया था. वह बंदेहरा में ही छिप कर रह रहा था. उसकी दोस्ती बंदेहरा के ही टिंकू, कौशल और बबलेश गिरोह से हो गयी थी.
Posted By: Thakur Shaktilochan