पटना. राज्य सरकार जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी में जुट गयी है. सोमवार को महाधिवक्ता पटना हाइकोर्ट में हड़ताली जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ अवमानना का मामला चलाये जाने की अपील कर सकते हैं.
दूसरी ओर सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के अधीक्षक और प्रिंसिपल को स्वास्थ्य विभाग ने नये सिरे से निर्देश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि वे हड़ताली डॉक्टरों को चिह्नित करते हुए उन्हें नोटिस जारी करें.
सूत्रों के अनुसार डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर सरकार कोर्ट में अवमानना का मामला उठायेगी. अगस्त, 2020 में कोर्ट ने डॉक्टरों की प्रस्तावित हड़ताल पर यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि राज्य कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है.
ऐसी स्थिति में डॉक्टरों की हड़ताल उचित नहीं है. डॉक्टरों के इस कदम से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा जायेगी.
सूत्रों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग कोर्ट द्वारा पूर्व में दिये गये आदेश का हवाला देकर अपील करेगा कि हड़ताल पर गये डॉक्टर कोर्ट के आदेश की अवमानना कर रहे हैं.
कोरोना का संकट लगातार बना हुआ है, इसके बावजूद जूनियर डॉक्टर अपने स्टाइपेंड में बढ़ोतरी की मांग को लेकर पांच दिनों से हड़ताल पर हैं. ऐसे में उनके खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाना चाहिए.
स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर ने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के अधीक्षकों और प्रिंसिपल को दो दिन पूर्व जारी आदेश का हवाला देकर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.
प्रिंसिपल और अधीक्षक से कहा गया है कि वे तत्काल हड़ताली जूनियर डॉक्टरों की पहचान करें. उन्हें नोटिस जारी करें. साथ ही उन डॉक्टरों के स्टाइपेंड में कटौती करने के साथ ही अन्य दंडात्मक कार्रवाई भी करें.
पीएमसीएच प्रशासन ने रविवार को हड़ताली जूनियर डाक्टरों को हॉस्टल खाली करने का आदेश दिया.
पीएमसीएच के अधीक्षक डाॅ बीके कारक ने कहा कि सोमवार से उन्हें हॉस्टल खाली करने का आदेश दिया गया है. वहीं, जूनियर डाॅक्टर एसोसिएशन ने कहा कि हमें ऐसा कोई नोटिस अब तक नहीं मिला है.
Posted by Ashish Jha