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राजनीति के पेंच में फंसी ‘भारतमाला’ परियोजना, नहीं हो पाया है काम अब तक शुरू

मुर्शिदाबाद के जंगीपुर से उत्तर 24 परगना के बशीरहाट तक बनना है नया रास्ता, लेकिन नहीं हो पाया है अब तक काम शुरू

कोलकाता : केंद्र सरकार ने भारतमाला योजना के तहत सात चरणों में देश के विभिन्न क्षेत्रों में 34,800 किलोमीटर सड़क बनाने का फैसला लिया है. इस योजना के तहत पश्चिम बंगाल में भी सड़क निर्माण शुरू होने वाला था, लेकिन अब तक राज्य में इस योजना पर कार्य शुरू नहीं हुआ है. जानकारी के अनुसार, इस योजना के तहत पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर से उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट तक 329 किलोमीटर रास्ते का निर्माण किया जाना है,

जिस पर 3290 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. केंद्र सरकार ने वर्ष 2017 में ही योजना को मंजूरी दे दी थी, लेकिन बंगाल में अब तक योजना का काम शुरू नहीं हो पाया है. योजना के क्रियान्वयन से सीमा सुरक्षा व सीमावर्ती क्षेत्रों का होगा विकास: बताया गया है कि इस योजना के क्रियान्वित होने से बंगाल के सीमांत क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी और साथ ही वहां का आर्थिक विकास भी होगा.

देश के सीमांत क्षेत्र में अभी भी आधारभूत सुविधाओं की कमी है, इसलिए केंद्र सरकार ने इस योजना को क्रियान्वित करने की योजना बनायी है. इस योजना से पश्चिम बंगाल में उत्तर 24 परगना, नदिया व मुर्शिदाबाद जिले सबसे अधिक लाभान्वित होंगे. भारत व बांग्लादेश के बीच सड़क मार्ग से आयात-निर्यात और भी सुगम होगा.

जानकारी के अनुसार, जंगीपुर से बशीरहाट के बीच नदिया जिले में गोपालपुर घाट से दत्तफुलिया तक लगभग 122 किलोमीटर रास्ते का निर्माण इस योजना के तहत किया जायेगा. चार लेन वाले रास्ते के बीच में डिवाइडर होगा. जंगीपुर से बशीरहाट के बीच भारतमाला योजना के अंतर्गत बनाये जाने वाली सड़क में कितने अंडर पास, बाइपास या फ्लाइओवर बनाये जायेंगे, इसके लिए नक्शा बनाने का काम भी शुरू हो गया था.

पश्चिम बंगाल सरकार की अधीनस्थ भूमि व भूमि सुधार विभाग ने जमीन मापने का काम शुरू किया था. केंद्र सरकार की अधीनस्थ राइट्स ने योजना को क्रियान्वित करने के लिए काम-काज शुरू किया था, लेकिन समय के साथ योजना पर काम की गति धीमी होती गयी.

योजना को क्रियान्वित नहीं करना चाहती तृणमल कांग्रेस सरकार

इस संबंध में राणाघाट के भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस का काम ही केंद्रीय योजनाओं को बाधित करना है. इससे योजना के क्रियान्वयन से राज्य के सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति और भी सुधरेगी. उन्होंने कहा कि इस योजना के क्रियान्वयन से केंद्र सरकार का नाम होता, इसलिए राज्य सरकार इसे यहां लागू नहीं करना चाहती.

आरोप बेबुनियाद : तृणमूल विधायक

वहीं, भाजपा सांसद के आरोपों को तृणमूल कांग्रेस विधायक गौरीशंकर दत्त ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनके द्वारा लगाया गया आरोप बेबुनियाद है. यह संपूर्ण रूप से केंद्र सरकार की परियोजना है. केंद्र सरकार ही इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए तत्पर नहीं है, जिसकी वजह से काम रूका हुआ है.

2017 में केंद्र सरकार ने योजना को दी थी मंजूरी

भारतमाला परियोजना एक राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना हैं. इसके तहत नये राजमार्ग के अलावा उन परियोजनाओं को भी पूरा किया जायेगा तो अब तक अधूरे हैं. बंदरगाहों और सड़क, राष्ट्रीय गलियारों (नेशनल कॉरिडोर्स) को ज्यादा बेहतर बनाना और राष्ट्रीय गलियारों को विकसित करना भी इस परियोजना में शामिल है.

इस योजना के मुताबिक, देशभर में 34,800 किलोमीटर के राजमार्गों के लिए 5.35 लाख करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. यह परियोजना गुजरात और राजस्थान से शुरू होकर, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और तराई इलाकों के साथ उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमाओं को कवर करेगी और पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मिजोरम में भारत-म्यांमार की सीमा तक जायेगी.

Posted By : Sameer Oraon

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