बीपीएससी की ओर से 66वीं संयुक्त (पीटी) (66 bpsc pt exam )प्रतियोगिता परीक्षा रविवार को हुई. लगभग 500 पदों पर नियुक्ति के लिए होने वाली इस परीक्षा में 4.50 लाख अभ्यर्थियों ने अावेदन दिया था, जिनमें 4.05 लाख अभ्यर्थियों ने शनिवार देर शाम तक अपना इ-एडमिट कार्ड डाउनलोड किया. इसमें 1.36 लाख महिला और दिव्यांग उम्मीदवार हैं, जिनका उनके गृह जिले में ही सेंटर दिया गया है. बचे 3.14 लाख पुरुष अभ्यर्थियों को रैंडमाइजेशन प्रोसेस के अंतर्गत प्रदेश के 35 जिलोंं में परीक्षा केंद्र आवंटित किया गया .
शिवहर, अरवल और शेखपुरा तीन जिलों में परीक्षा केंद्र नहीं है. पटना में 77 परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं. इन्हें 24 जोन में बांटा गया है और हरेक जोन के लिए एक जोनल मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गयी है, जो स्ट्रांग रूम से एग्जाम पेपर और ओएमआर शीट निकाल कर उसे परीक्षा केंद्रों तक पहुंचायेंगे और परीक्षा केंद्रों से ओएमआर शीट को कलेक्ट कर वापस स्ट्रांग रूम में जमा करेंगे.
परीक्षा केंद्रों के आसपास धारा 144 लागू रही और परीक्षा कक्ष के भीतर मोबाइल और किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट ले जाने पर रोक लगी रही. परीक्षा 12 से दो बजे तक एक सीटिंग में होगी और परीक्षा से एक घंटा पहले से परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र पर प्रवेश की इजाजत थी. परीक्षा शुरू होने के बाद किसी भी स्थिति में किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा भवन के भीतर प्रवेश नहीं करने दिया गया.
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पटना से बाहर प्रदेश के 34 अन्य जिलों में 817 परीक्षा केंद्र बनाये गये , जिन्हें पटना के छात्रों को भी आवंटित किया गया. इससे कई छात्र और उनके परिजन आक्रोशित दिखे और कोरोना संकट के इस समय में बाहर परीक्षा केंद्र देने को उन्होंने गलत निर्णय बताया. हालांकि आयोग के अधिकारी ने पीटी में पुरुष अभ्यर्थियों का परीक्षा केंद्र पटना से बाहर देने की परंपरा काफी पुरानी होने की बात कह कर इसे सामान्य निर्णय बताया.
पटना से बाहर के परीक्षा केंद्रों तक परीक्षार्थियों को पहुंचाने के लिए आठ जोड़ी ट्रेनों का परिचालन हुआ. पाटलिपुत्र जंक्शन से नरकटियागंज जानेवाली एक ट्रेन के रद्द होने के बाद शाम में वहां के लिए एक मेमू ट्रेन चलायी गयी.
Posted By: Thakur Shaktilochan