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बिहार में अब मोबाइल एप से होगी एंबुलेंस सेवा 102 की निगरानी, लाइव लोकेशन ट्रेस करने में होगी मदद

इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने पत्र लिखकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है. इस संबंध में पीडीपीएल ने सभी एंबुलेंस चालकों व इएमटी को पत्र जारी कर निर्देश दिया है.

छपरा. मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग कृत संकल्पित है. हर रोज नये-नये उपकरण लगाये जा रहे हैं. सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार किया जा रहा है. इसके साथ ही मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराया जा रहा है.

इसी कड़ी में राज्य स्वास्थ्य समिति ने मरीजों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए एक नया मोबाइल एप लांच किया है. जिसके तहत राष्ट्रीय 102 एंबुलेंस सेवा की निगरानी की जायेगी.

इस एप्लीकेशन से अधिकारी एंबुलेंस की रियल टाइम ट्रैकिंग कर सकेंगे. 102 एंबुलेंस अब आसानी से हर किसी के लिए सुलभ होगी. लाइव लोकेशन ट्रेस करने के लिए इन्हें मोबाइल एप से जोड़ा जा रहा है.

इसके माध्यम से पल-पल की जानकारी कंट्रोल रूम के साथ ही एंबुलेंस के लिए कॉल करने वालों को मिलती रहेगी.

इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने पत्र लिखकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है. इस संबंध में पीडीपीएल ने सभी एंबुलेंस चालकों व इएमटी को पत्र जारी कर निर्देश दिया है.

रेस्पांस टाइम होगा कम

एंबुलेंस का रेस्पांस टाइम कम करने के लिए यह कवायद की गयी है. मरीज को समय से एंबुलेंस मिल सके, इसके लिए भी यह एप तैयार किया गया है. सभी एंबुलेंस को जीपीएस से लैस कर एप से जोड़ा गया है.

एप से जब मरीज के तीमारदार को एंबुलेंस की लोकेशन दिखने लगेगी तो वह बार-बार फोन करके एंबुलेंस के बारे में अपडेट नहीं लेगा. इससे जानकारी देने वाला कर्मचारी भी डिस्टर्ब नहीं होगा साथ ही तीमारदार को भी सुविधा होगी.

एंबुलेंस की लाइव लोकेशन मिलती रहेगी

जैसे ही कोई मरीज या परिजन 102 एंबुलेंस के लिए कॉल करेगा, संबंधित के पास मैसेज चला जायेगा. इसमें चालक, टेक्नीशियन के मोबाइल नंबर, एंबुलेंस के नंबर लिंक होंगे. इस लिंक को खोलने पर एंबुलेंस की लाइव लोकेशन मिलती रहेगी.

टेक्नीशियन को भी मरीज के पास पहुंचने पर संबंधित जानकारी एप पर डालनी होगी. साथ ही किस अस्पताल में ले जा रहे हैं, यह भी विवरण दर्ज कराना होगा. एंबुलेंस में पहले से जीपीएस लगा है. मोबाइल एप से निगरानी और बेहतर होने का दावा है.

यह होती है समस्या

सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कई बार एंबुलेंस मरीज तक नहीं पहुंच पाती है, जिससे मरीज को समय से इलाज नहीं मिल पाता है. ऐसे में मरीज या तीमारदार को बार-बार फोन करना पड़ता है, लेकिन फोन रिसीव करने वाला व्यक्ति भी उन्हें एंबुलेंस की सही लोकेशन नहीं बता पाता था. अब एप की सुविधा शुरू होने के बाद यह समस्या खत्म हो जायेगी.

केयर इंडिया के सहयोग से दिया जायेगा प्रशिक्षण

मोबाइल एप की सफल एंव सुगम संचालन के लिए केयर इंडिया के द्वारा एंबुलेंस चालकों व इएमटी को प्रशिक्षण दिया जायेगा. मोबाइल एप संचालन के लिए पीडीपीएल के द्वारा एंड्रावायड मोबाइल भी उपलब्ध कराया जायेगा.

मोबाइल एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट की खरीदारी प्रक्रियाधीन है. तब तक चालक व इएमटी को अपने फोन में ही मोबाइल एप इंस्टाल करना होगा. इसके लिए सभी को प्रशिक्षित किया जायेगा.

Posted by Ashish Jha

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