आसनसोल : केंद्र सरकार के पे स्ट्रक्चर की तर्ज पर राज्य सरकार के प्राथमिक शिक्षकों का वेतनमान निर्धारित करने, वेतनमान में विसंगतियों को दूर करने के लिए वर्ष 2006 से नोशनल इफेक्ट लागू करने और शिक्षकों को स्वास्थ्य परिसेवा मुहैया कराने के लिए पश्चिम बंगाल हेल्थ स्कीम के दायरे में लाने की मांग को राज्य के विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा जारी चुनावी घोषणापत्र में अन्य मुद्दों के साथ इन तीन मुद्दों को भी शामिल करने की मांग को लेकर प्राइमरी टीचर एकता मंच के बैनर तक सभी जिलों के प्राथमिक शिक्षक अपने-अपने क्षेत्र के भाजपा सांसद, मंत्री, विधायक व पार्टी के प्रभावशाली व्यक्तियों को ज्ञापन सौंप रहे हैं.
इस कड़ी में मंच के सदस्य भाजपा के राज्यसभा सदस्य सपन दासगुप्ता, पूर्व सांसद सह राज्य विधानसभा चुनावी घोषणापत्र कमेटी के मुख्य सलाहकार अनुपम हाजरा, अलीपुरद्वार के भाजपा विधायक मनोज तिग्गा को सात दिनों के अंदर ज्ञापन सौंप चुके हैं. शुक्रवार को बोलपुर भाजपा बुद्धिजीवी सेल तथा चुनावी घोषणापत्र कमेटी के सदस्य रंतिदेव सेनगुप्ता से मुलाकात कर मांगों का ज्ञापन सौंपा.
एकता मंच टीम बर्दवान के सदस्य संदीप मुखर्जी, बुद्धदेव मंडल, सौमेन सिकदर, राजेश कोनार, अमिताभ गोराई, कौशिक मंडल, शांतनु वैराग्य, टीम बीरभूम के सदस्य शांतनु गोराई, सोमनाथ मजूमदार, पार्थ घोष व अन्य उपस्थित थे. शिक्षकों ने बताया कि आगामी दिनों में राज्य के सभी भाजपा नेताओं से मुलाकात कर अपनी मांगों का ज्ञापन सौपेंगे.
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प्राथमिक शिक्षक एकता मंच यह कोई राजनीतिक संगठन नहीं है. इसमें सभी विचारधारा के शिक्षक शामिल हैं. राज्य सरकार द्वारा शिक्षकों की उक्त मांगों पर कोई पहल नहीं करने से शिक्षकों ने यह मंच बनाया है. राज्य के सभी जिले में इस मंच का गठन किया गया है और मंच के सदस्य अपने-अपने क्षेत्र में भाजपा के प्रभावशाली नेताओं को ज्ञापन सौंपने का कार्य आरंभ किया है.
शिक्षकों को उम्मीद है कि यदि उनकी मांगें भाजपा के विधानसभा चुनावी घोषणापत्र में शामिल हो जाती है, तो मांगें पूरी होने की दिशा में वे काफी आगे बढ़ जायेंगे. शिक्षकों का भाजपा खेमे में जाना तृणमूल के लिए परेशानी का कारण बन सकता है.
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प्राइमरी टीचर एकता मंच के सदस्यों ने बताया कि शिक्षक नियुक्ति के लिए पूरे देश में योग्यता का मापदंड एक है. ऐसे में केंद्र सरकार के पे स्ट्रक्चर की तुलना में राज्य के सरकारी प्राथमिक शिक्षकों का वेतन 10 से 20 हजार रुपया प्रतिमाह कम मिलता है. नये शिक्षकों को औसतन 10 हजार रुपये और पुराने शिक्षकों का वेतन 20 हजार रुपये कम है. राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में ग्रेड पे में बदलाव किया.
इस बदलाव में जूनियर और सीनियर शिक्षकों, दोनों का वेतन समान हो गया है. शिक्षकों की मांग है कि वेतन का निर्धारण वर्ष 2006 से नोशनल इफेक्ट के आधार पर किया जाये. इससे सीनियर शिक्षकों के वेतन में बढ़ोतरी होगी. शिक्षकों को मेडिकल के नाम पर प्रतिमाह पांच सौ रुपये भत्ता मिलता है. शिक्षकों की मांग है कि राज्य सरकार के अन्य कर्मचारियों की तरह शिक्षकों को पश्चिम बंगाल हेल्थ स्किम में शामिल किया जाये.
राज्य सरकार शिक्षकों को इस स्कीम में शामिल न कर उन्हें स्वास्थ्य साथी परियोजना में शामिल करना चाहती है और मेडिकल भत्ता बंद करना चाहती है. स्वास्थ्य साथी सभी के लिए मुफ्त है तो शिक्षकों को इस परियोजना में शामिल करने पर मेडिकल भत्ता क्यों बंद होना चाहिए? शिक्षकों को स्वास्थ्य साथी के बदले हेल्थ स्कीम में शामिल करना होगा.
सदस्यों ने बताया कि राज्य में भाजपा मुख्य विपक्षी पार्टी बनकर उभरी है. तृणमूल सरकार हमारी मांगें नहीं मान रही है ऐसे में भाजापा नेताओं से गुहार लगायी जा रही है कि वे हमारी मांगों को अपने चुनावी घोषणापत्र में शामिल करें. यदि भाजपा सरकार में आती है, तो उक्त मांगों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगी. शिक्षक भी भाजपा का खुलकर समर्थन करेंगे.
Posted By : Mithilesh Jha