West Bengal Assembly Election 2021: कोलकाता : अमित शाह के बार-बार के दौरे से पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 की बढ़ती सरगर्मी के बीच भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने तृणमूल सुप्रीमो एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टेंशन बढ़ा दी है. उन्होंने कहा है कि बंगाल चुनाव 2021 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर महीने बंगाल आयेंगे. इस पर तृणमूल नेता पार्थ चटर्जी ने कहा कि समझा जा सकता है कि उनके पास कोई काम नहीं है.
दिलीप घोष ने पिछले दिनों कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी, 2021 में आ रहे हैं. हर महीने उनका दौरा होगा. हालांकि, अभी तक प्रधानमंत्री की बंगाल यात्रा की तारीख तय नहीं हुई है. बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए भाजपा ने आधा दर्जन से अधिक नेताओं को मैदान में उतार दिया है. ये लोग जेपी नड्डा और अमित शाह के दिशा-निर्देश के अनुरूप बंगाल चुनाव की रणनीति तैयार कर रहे हैं.
बंगाल में भाजपा को सत्तासीन करने के लिए अरविंद मेनन, अमित मालवीय, सुनील देवघर जैसे कद्दावर नेताओं को अहम जिम्मेवारी दी गयी है. ऐसा नहीं है कि इन लोगों को जिम्मेदारी सौंपकर केंद्रीय नेता निश्चिंत हो गये हैं. पार्टी के शीर्ष नेता अमित शाह और जेपी नड्डा स्वयं लगातार बंगाल का दौरा कर रहे हैं. एक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, तो दूसरे पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री.
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जैसे-जैसे भाजपा के केंद्रीय नेताओं का बंगाल दौरा बढ़ रहा है, राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर दबाव बढ़ रहा है. जेपी नड्डा और अमित शाह के दौरे के बाद ममता बनर्जी की बौखलाहट साफ दिखी थी. नड्डा के नाम को लेकर उन्होंने उनका मजाक बनाया था, तो अमित शाह के बारे में कहा था कि ऐसा गृह मंत्री उन्होंने अपने जीवन में आज तक नहीं देखा, जो सिर्फ चुनाव में व्यस्त रहता है.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने स्पष्ट कर दिया है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 की कमान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में रहेगी. चुनाव से पहले वह लगातार और जल्दी-जल्दी बंगाल का दौरा करेंगे. इतना सुनते ही तृणमूल के सीनियर लीडर और राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने भाजपा एवं प्रधानमंत्री पर कटाक्ष किया. कहा कि शीर्ष नेताओं के हर दिन आने से भी भाजपा को कोई फायदा नहीं होगा.
श्री चटर्जी ने कहा, ‘वे हर दिन पश्चिम बंगाल आयें. समझा ही जा सकता है कि उनके पास कोई काम-धाम नहीं है. वे प्रधानमंत्री की हैसियत से आयेंगे या भाजपा नेता की हैसियत से?’ यहां बताना प्रासंगिक होगा कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के शानदार प्रदर्शन से पार्टी आलाकमान बेहद उत्साहित है. पार्टी को लगता है कि पूरी ताकत से लड़ें, तो बंगाल में सत्ता पर काबिज हो सकते हैं.
लोकसभा चुनाव में राज्य की कुल 294 विधानसभा सीटों में से 164 पर तृणमूल कांग्रेस को बढ़त मिली थी. 121 सीट पर भाजपा ने बढ़त बनायी थी. यही वजह है कि बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. बंगाल को 5 खंड में विभाजित करके एक-एक नेता को उसकी जिम्मेवारी सौंपी है, ताकि समन्वय करने में आसानी हो.
Posted By : Mithilesh Jha