पटना. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल को राष्ट्रीय स्तर का दर्जा दिलाने और राजगीर में एक नये अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान बनाने के लिए केंद्र सरकार हरसंभव मदद करेगी.
उन्होंने कहा कि आधुनिक आयुर्वेद के गौरव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिता कविराज रामलखन सिंह, भाव मिश्रा और प्रियव्रत शर्मा की मूर्तियां कॉलेज प्रांगण में स्थापित की जायेंगी. मैं प्रयास करूंगा कि स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसका अनावरण करें.
इनका निर्माण कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्रों ने अपने खर्च पर किया है. श्री चौबे शुक्रवार को राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय पटना में रोल ऑफ रस औषधि इन मैनेजमेंट ऑफ कोविड-19 विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन करते हुए बोल रहे थे. आयोजन महाविद्यालय के रस शास्त्र व भैषज्य कल्पना विभाग ने किया.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारतीय आयुष काढ़ा व आयुर्वेद में बताये गये रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले उपाय के साथ ही योग व प्राणायाम का सहारा लेकर खुद को कोविड-19 से बचाया जा सकता है.
इतिहास गवाह है कि जब-जब मानव जाति पर किसी भी प्रकार का आक्रमण हुआ है हमारे ऋषि महर्षियों ने उससे विश्व का बचाव किया है. आयुर्वेद की उत्पत्ति में भी कुछ इसी प्रकार की बातें देखने को मिलती हैं.
मौके पर उपस्थित साइंटिफिक स्टेशन के मुख्य वक्ता डॉ प्रोफेसर आर के शर्मा व रस शास्त्र भेषज्य कल्पना विभाग एनआइए जयपुर के अध्यापक प्रोफेसर संजय कुमार ने उक्त विषय पर अपना महत्वपूर्ण व्याख्यान भी प्रस्तुत किया.
आयोजन सचिव डॉ सी बी सिंह ने सेमिनार के उद्देश्य को विस्तार से बताया. इससे पहले राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य डॉ दिनेश्वर प्रसाद ने केंद्रीय मंत्री से संस्थान को राष्ट्रीय स्तर पर बनाने और राजगीर में नया राष्ट्रीय स्तर का आयुर्वेदिक संस्थान बनाने में अपना सहयोग देने का आग्रह किया था.
डॉ दिनेश्वर ने अश्विनी चौबे जी को हनुमान की संज्ञा देते हुए कहा कि अश्विनी चौबे जिस काम मे लग जाते है, वह पूरा होता ही है. आयुर्वेद को बढ़ावा देने में अव्वल रहने वाले अश्विनी चौबे के प्रयास से केंद्र व राज्य सरकार के समन्वय से ये दोनों काम पूरे होंगे.
Posted by Ashish Jha