scholarship scam in jharkhand साहेबगंज : राज्य में हुए अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले की जांच शुरू होते ही साहिबगंज जिले में मामला सामने आने लगा है. अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को दी गयी प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक और मेरिट कम मिंस छात्रवृत्ति के लिए नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (एनएसपी ) पर आवेदन देकर छात्रवृत्ति का लाभ लेनेवालों में साहिबगंज के 1950 छात्र वहां के थे ही नहीं.
बरहरवा के 800, पतना के 400, तालझारी में 47, राजमहल में 250, बरहेट में 100, बोरियो में 190, उधवा में 100, साहिबगंज में 50 व मंडरो प्रखंड के कुछ विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति जांच के दायरे में है. ऑनलाइन डिटेल्स में अधिकांश विद्यार्थी पश्चिम बंगाल के बताये जा रहे हैं.
बताया जाता है कि जिन विद्यार्थियों के नाम छात्रवृत्ति सूची में दर्ज हैं, उनमें से अधिकांश का नाम व पता फर्जी है. दिये गये आवेदन में विद्यार्थियों का अधिकांश मोबाइल नंबर भी गलत है तो कुछ नंबर पर संपर्क करने पर दूसरे व्यक्ति के द्वारा फोन रिसीव किया जा रहा है. विभिन्न प्रखंडों के विद्यार्थियों के नाम छात्रवृत्ति के इस घोटाले में शामिल है. पूरा मामला जांच के दायरे में आ चुका है.
छात्रवृत्ति घाेटाले की जांच के लिए जिला कल्याण पदाधिकारी ने प्रखंडवार जांच कमेटी बनायी है. इसमें बरहरवा में प्रखंड कल्याण पदाधिकारी तारकेश्वर सिंह व शिक्षक नील कमल, बरहेट में प्रखंड कल्याण पदाधिकारी भगन मुर्मू व सहायक विमल कुमार भगत, पतना में प्रखंड कल्याण पदाधिकारी महेश सिंह व शिक्षक सलीम अख्तर, तालझारी व राजमहल में शशि कुमार राय व शिक्षक मदस्सर कमाल अंसारी, बोरियो व मंडरो में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी नेपाल चंद्र मंडल व शिक्षक दीबी हेंब्रम, साहिबगंज में राजेश कुमार पासवान व शिक्षक प्रशांत कुमार को जांच का जिम्मा सौंपा गया है.
साहिबगंज जिले के विभिन्न प्रखंडों के अधिकांश मदरसे के नाम पर विद्यार्थियों ने छात्रवृत्ति का लाभ लिया है. कई विद्यार्थियों ने अपना नाम स्थानीय ब्लॉक व जिला साहिबगंज दर्ज किया है, लेकिन जिस गांव का नाम विद्यार्थी ने अपने आवेदन में जिक्र किया है, उस पते पर उस नाम का विद्यार्थी है ही नहीं. बरहरवा के जांच दल के पदाधिकारी सह प्रखंड कल्याण पदाधिकारी ने कई विद्यार्थियों के आवेदन में दर्ज मोबाइल नंबर पर संपर्क किया, तो पता चला कि उक्त पते पर छात्रवृत्ति का लाभ लेने वाला विद्यार्थी है ही नहीं.
जिन मदरसों से छात्रवृत्ति का लाभ विद्यार्थियों ने लिया है, उन मदरसों का आइडी और पासवर्ड आखिर कैसे लीक हुआ, यह जांच का विषय है. वहीं, कुछ मदरसा के हेड मौलवियों ने आवेदन में जिक्र, मुहर व सिग्नेचर को फर्जी करार दिया है. उनका कहना है कि किसी ने गलत तरीके से मदरसा का फर्जी मुहर बना लिया है और गलत तरीके से फर्जी हस्ताक्षर कर छात्रवृत्ति का लाभ लिया है. छात्रवृत्ति का लाभ लेनेवाले विद्यार्थी का नाम, जो उनके मदरसे में दर्ज दिखाया जा रहा है, वह उनके मदरसे में कभी पढ़ा ही नहीं है.
जिला कल्याण पदाधिकारी अशोक प्रसाद ने कहा कि छात्रवृत्ति 2020-21 में जितनेे भी संदिग्ध हैं, उनके लिए अलग-अलग प्रखंडों में जांच कमेटी बना कर जांच करने का निर्देश दिया गया है. जांच रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया में गड़बड़झाला सामने आ रहा है.
Posted By : Sameer Oraon