नयी दिल्ली : भारत ने गुरुवार को कहा है कि भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के राजनयिक और सैन्य चैनलों के जरिये संपर्क बनाये हुए हैं. इन चर्चाओं के माध्यम से दोनों देशों को एक-दूसरे की स्थिति को समझने में मदद मिली है. मालूम हो कि भारत-चीन सीमा मामलों को लेकर डब्ल्यूएमसीसी की बैठक इसी माह 18 दिसंबर को हुई थी.
India & China continue to maintain communication through diplomatic & military channels. Discussions have helped both sides to enhance understanding of each other's position. Meeting of WMCC on India-China border affairs took place on 18th Dec: MEA Spokesperson on LAC situation pic.twitter.com/1dZseWvQic
— ANI (@ANI) December 24, 2020
जानकारी के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कई मसलों पर बात की. ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन का पता चलने के बाद प्रतिबंधों के बावजूद ब्रिटिश प्रधानमंत्री की भारत यात्रा पर उन्होंने कहा कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के स्वागत करने के लिए तैयार हैं. मालूम हो कि अगले साल 2021 के गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के तौर पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन आनेवाले हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने चीन के बंदरगाह पर भारतीय नागरिकों के साथ फंसे जहाजों पर कहा कि चीन के जिंगतांग बंदरगाह पर अब भी दो जहाज फंसे हुए हैं. इन जहाजों पर भारतीय नागरिक भी सवार हैं. ये दोनों जहाज कार्गो डिस्चार्ज की अनुमति का इंतजार कर रहे हैं. हमारी सरकार चीन की सरकार के संपर्क में है. इन जहाजों से पहले आये कार्गो जहाजों को को अनुमति मिल गयी है.
भारत के पड़ोसी देश नेपाल की राजनीतिक घटनाओं पर उन्होंने कहा कि हमने नेपाल में हाल के राजनीतिक घटनाओं पर ध्यान दिया है. लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं नेपाल का आंतरिक मामला है. एक पड़ोसी के तौर पर शांति, समृद्धि और विकास की ओर बढ़ रहे नेपाल के लोगों का सहयोग भारत करता रहेगा.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि चाबहार परियोजना को लेकर होनेवाली अगली बैठक की मेजबानी भारत कर रहा है. इस बैठक में भारत के साथ उज्बेकिस्तान और ईरान शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि अभी बैठक की तिथि तय नहीं हुई है. वहीं, प्रमुख भागीदार के तौर पर अफगानिस्तान को भी बैठक के लिए आमंत्रित किया जायेगा.
साल 2020 में होनेवाले भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के आयोजित नहीं होने पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण सम्मेलन नहीं हुआ. यह दोनों देशों के बीच पारस्परिक रूप से सहमति का फैसला था. उन्होंने अन्य किसी अटकलबाजी से बचने की भी बात कही. साथ ही कहा कि तिथि तय होने पर घोषणा की जायेगी.
विदेश मंत्रालय ने पड़ोसी देश पाकिस्तान के भारत कोई ‘फॉल्स फ्लैग’ को लेकर कहा कि काल्पनिक और हास्यास्पद बयान देना पाकिस्तान की दिनचर्या बन गयी है. इस तरह के बयानों का कोई आधार नहीं है. इसे नजरंदाज किया जाना चाहिए. मालूम हो कि पाकिस्तान ने आशंका जतायी है कि भारत ‘फॉल्स फ्लैग’ ऑपरेशन कर पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है.