कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित किया. पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोलपुर के शांति निकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय के समारोह को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि गुरुदेव के पदचिन्हों पर चलकर देश उनके सपनों को पूरा कर रहा है. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने इससे पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों को संबोधित किया था. विश्व भारती विश्वविद्यालय से पीएम नरेंद्र मोदी का संदेश से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुदेव को याद किया. इस दौरान छात्रों को उन्होंने शुभकामनाएं दीं.
नयी शिक्षा नीति में विश्व भारती विश्वविद्यालय की अहम भूमिका है. गुरुदेव की चर्चा करते समय एक बात हमेशा जिक्र करता हूं. इस दौरान गुजरात का जिक्र अहम हो जाता है. गुरुदेव के बड़े भाई सत्येंद्रनाथ टैगोर की नियुक्ति गुजरात के अहमदाबाद में हुई थी. उस दौरान गुरुदेव वहां आया करते थे.
पीएम ने कहा कि आजादी का आंदोलन जब उफान पर था, जब बंगाल देश को दिशा दे रहा था. उस दौरान बंगाल संस्कृति का पोषक भी था.
पीएम ने वोकल फॉर लोकल पर जोर दिया. आत्म सम्मान और आत्म निर्भरता की बात पर आप मेले में आने वाले गरीब कलाकारों की कलाकृतियों को ऑनलाइन कैसे बेचा जाए. इसके लिए कलाकारों से विश्वविद्यालय के छात्र बात करें, ताकि वे अपने कारोबार को विश्व स्तर पर ले जा सकेंगे. इस दौरान उन्होंने गुरुदेव के एकला चलो रे के संदेश पर जोर दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए खुदीराम बोस समेत अन्य शहीदों को याद किया. पीएम ने कहा कि विश्व भारती विश्वविद्यालय की स्थापना के 27 वर्ष बाद देश आजादी हो गया था.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की समृद्धि से विश्व में समृद्धि लाने का अभियान है आत्मनिर्भर भारत. स्वदेशी समाज का गुरुदेव ने संकल्प दिया. वे देश को आत्मनिर्भर देखना चाहते थे.
पीएम ने कहा कि सैकड़ों वर्षों तक चले आंदोलनों में कई लोगों ने अपनी आहुति दी. गुरुदेव ने भारतीय संस्कृति को नयी पहचान दी. इसमें विश्व भारती विश्वविद्यालय का अहम योगदान रहा.
पीएम ने कहा कि आजादी के आंदोलन में भक्ति आंदोलन के साथ वैचारिक आंदोलन ने अहम भूमिका निभाई. इसमें विश्व भारती विश्वविद्यालय, बनारस विश्वविद्यालय समेत कई ऐसे संस्थान हुए, जिन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इनमें नयी विद्वता का विकास हुआ. इन्होंने देश को नयी ऊर्जा दी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भक्ति आंदोलन की चर्चा की. इस दौरान रामकृण परमहंस और स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए पीएम ने कहा कि भक्ति आंदोलन की भूमिका पर जोर दिया.
पीएम ने कहा कि आज जब हम इस विश्व भारती विद्यालय का शताब्दी समारोह मना रहे हैं, तो इसके इतिहास पर भी गौर करने की जरूरत है. देश के महापुरुषों ने चेतना जागृत करने का काम किया है. संत रैदास, कबीर, चैतन्य महाप्रभु समेत कई महापुरुष हुए. कई महान व्यक्तित्वों ने अपनी रचनाओं से देश को एकता का संदेश दिया.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के लिए गुरुदेव रबींद्रनाथ टैगोर ने स्वप्न देखा था. ये आराध्य स्थल है. आज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस संस्थान में 100 वर्ष का सफर तय किया है. ये गर्व की बात है.
प्रधानमंत्री ने कहा था कि अब सभी को एक लक्ष्य के साथ मिलकर नया भारत, आत्मनिर्भर भारत बनाना है. उन्होंने कहा कि समाज में वैचारिक मतभेद होते हैं, लेकिन जब बात राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति की हो, तो हर मतभेद किनारे रख देने चाहिए.
एएमयू के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि विकास को ‘राजनीतिक चश्मे’ से नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि राजनीति इंतजार कर सकती है, लेकिन विकास इंतजार नहीं कर सकता. बिना किसी का नाम लिये विपक्षी दलों पर पीएम ने निशाना साधा और कहा कि मतभेदों के नाम पर बहुत समय गंवाया जा चुका है.
तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया था कि वह कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर का अपमान कर रही है और इसे बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस बर्दाश्त नहीं करेगी. आपको बता दें कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों को संबोधित किया था.
पीएमओ ने कहा है कि वर्ष 1951 में विश्व भारती को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया था और उसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में शुमार किया गया था. प्रधानमंत्री इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति होते हैं. इससे पहले, अमित शाह की शांतिनिकेतन यात्रा के दौरान तृणमूल कांग्रेस ने उन पर हमला बोला था.
कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा वर्ष 1921 में स्थापित विश्व भारती, देश का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है. नोबेल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर पश्चिम बंगाल की प्रमुख हस्तियों में गिने जाते हैं. पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इसलिए इस कार्यक्रम का महत्व और बढ़ जाता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शताब्दी समारोह को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने यह जानकारी दी है. पीएमओ के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी इस समारोह के दौरान उपस्थित रहेंगे.
कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोलपुर के शांति निकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में आज गुरुवार को शामिल होंगे. वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समारोह को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने यह जानकारी दी है. पीएमओ के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी इस समारोह के दौरान उपस्थित रहेंगे.
Posted By : Guru Swarup Mishra