इंतेजारूल हक, मोतिहारी. अपनी बदनसीबी पर आंसू बहाने वाली बालिका गृह की लड़कियां नयी इबारत लिखने की तैयारी में हैं. वे होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर हुनरमंद बनेंगी और समाज की मुख्य धारा से जुड़कर फिर से एक नयी जिंदगी की शुरुआत करेंगी.
बालिका गृह में रहनेवाली बिहार की 16 लड़कियों का चयन डिप्लोमा इन होटल मैनेजमेंट के लिए हुआ है. इनमें पांच पटना जिले की रहने वाली हैं. वे 29 दिसंबर को पटना से विमान से बेंगलुरु एकेडमी के लिए प्रस्थान करेंगी.
उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च बाल संरक्षण इकाई उठायेगी. उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो, इसका खास ख्याल रखेगी. इसको लेकर कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है.
बाल संरक्षण इकाई कार्यालय के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बिहार के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब बालिका गृह की लड़कियां होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई करने जा रही हैं.
राह भटक चुकी इन लड़कियों की सोच में बड़ा बदलाव आया है और अधिकारियों की मेहनत पर फिर से अपनी जिंदगी को संवारने का जज्बा पैदा हुआ है. वे हुनरमंद व स्वालंबी बनने की दिशा में जागरूक होने लगी हैं.
जागरूकता आने के साथ अधिकारियों की जवाबदेही भी बढ़ गयी है. स्वावलंबी बनाने के लिए उन्हें अन्य संसाधन भी मुहैया कराये जा रहे हैं.
बताते हैं कि होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई काफी महंगी है, जो आम व मध्यवर्गीय परिवार के लोगों के बस की बात नहीं है. अधिक पैसे वाले लोगों या फिर बड़े अधिकारियों के बच्चे ही इस कोर्स में दाखिला करा पाते हैं. सीटें कम होने के कारण कम संख्या में बच्चे ही यह कोर्स कर पाते हैं.
होटल मैनेजमेंट कोर्स के लिए चयनित होने वाली बालिकाओं में पटना की पांच, मोतिहारी की तीन और बेगूसराय, गया, मधुबनी व पूर्णिया बालिका गृह की दो-दो लड़कियां शामिल हैं.
इनमें तीन की उम्र 16 वर्ष, पांच 17 वर्ष, दो 18 वर्ष, तीन 19 वर्ष, एक 20 वर्ष व एक 21 वर्ष की है. पिछले कई वर्षों से वे बालिका गृह में रहती हैं.
जिला बाल संरक्षण इकाई,पूर्वी चंपारण के सहायक निदेशक धीरज कुमार कहते हैं कि होटल मैनेजमेंट में दाखिला एक बड़ी व एेतिहासिक पहल है. भटकी लड़कियां होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर अपने जीवन को खूबसूरत तरीके से संवारेंगी.
Posted by Ashish Jha