गुमला (जगरनाथ) : झारखंड के गुमला धर्मप्रांत के 39 चर्चों में क्रिसमस पर्व की खुशी छायी हुई है. ख्रीस्त विश्वासी उत्साह व उमंग में डूबे हैं. खुशनुमा माहौल है. विश्वासियों ने पर्व की पूरी तैयारी कर ली है. चर्च की सजावट हो गयी है. घरों का रंग-रोगन हो गया है. घर के आसपास सफाई हो रही है. मनपसंद चरनी बनाये जा रहे हैं.
कई घरों में चरनी बनकर तैयार है. क्रिसमस का बाजार भी सज चुका है. ख्रीस्त विश्वासी अपनी जरूरत के सामानों की खरीदारी कर रहे हैं. बुधवार को शहर की अधिकांश दुकानों में भीड़ देखी गयी. हालांकि, लोगों में अभी भी कोरोना संक्रमण का भय है. इसलिए सावधानी बरतते हुए पर्व की तैयारी व खरीदारी कर रहे हैं.
गुमला शहर की सभी दुकानों में खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है. सबसे ज्यादा भीड़ सजावट की दुकानों एवं कपड़े की दुकानों में दिख रही है. यहां से लोग अपनी-अपनी जरूरत की सामग्रियों की खरीदारी कर रहे हैं. पर्व का समय होने और खरीदारी के लिए लोगों के बाजार में निकलने के कारण सड़क पर जाम भी लग रहा है.
Also Read: दलबदल मामले में झारखंड विधानसभा के स्पीकर से पहले बाबूलाल पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, कैवियट दाखिल कर कही यह बातगुमला धर्मप्रांत के बिशप पॉल लकड़ा ने क्रिसमस पर्व पर अपने संदेश में कहा है कि क्रिसमस मानव बनने की सार्थकता का पर्व है. ईसामसीह ने पेड़, पहाड़, नदी बनकर इस दुनिया में अवतार नहीं लिया. मानव बनकर आये. मानव बनना गौरव की बात है. सृष्टि में सर्वोच्च जीव मानव है. वास्तव में मानव ईश्वर का ही प्रतिरूप है.
Also Read: IRCTC/Indian Railways News: पुरुलिया के रास्ते हावड़ा से रांची के लिए शुरू हुई नयी स्पेशल ट्रेन, 29 दिसंबर को हटिया से जाने वाली ये ट्रेन रहेगी रद्दइसलिए मानव चाहे कितना ही गरीब और अशिक्षित हो, उसका सम्मान होना चाहिए. ईसामसीह का इस दुनिया में आना प्यार का प्रतीक है. इसलिए हम हिंसा से दूर रहें और एक-दूसरे के बीच प्यार बांटें. हम अपने हृदय को चरणी को बनायें. मानव सेवा ही ईश्वर की सच्ची पूजा है. ईश्वर को खोजना है, तो हम उसे मानव में खोजें. मानव सेवा ही ईश्वर सेवा है. क्रिसमस दीनता एवं नम्रता का पर्व है.
Posted By : Mithilesh Jha