India International Science Festival 2020 भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव पर आयोजित उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने संबोधन में कहा कि विज्ञान और तकनीक तब तक अधूरी रहेगी, जब तक आम लोगों को इसका फायदा नहीं मिलता है. बीते छह साल में युवाओं को अवसरों से जोड़ने के लिए देश में विज्ञान और तकनीक के इस्तेमाल का विस्तार किया है.
India has a rich legacy in science, technology and innovation. Our scientists have done path-breaking research. Our tech industry is at the forefront of solving global problems but India wants to do more: PM Modi addresses India International Science Festival pic.twitter.com/Vtnfg7MrSI
— ANI (@ANI) December 22, 2020
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत के शिक्षा में सुधार किये जा रहे है, ताकि किताबी ज्ञान से आगे निकलकर जानने की भावना को बढ़ावा मिले. उन्होंने कहा कि तीन दशक के बाद भारत को नयी शिक्षा नीति मिली है. इसने शिक्षा क्षेत्र को बदल दिया है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि त्योहार-उत्सव भारत की संस्कृति भी है और परंपरा भी है. आज हम विज्ञान को सेलिब्रेट कर रहे हैं. हम उस ह्यूमन स्प्रिट को भी सेलिब्रेट कर रहे हैं जो हमें लगातार इनोवेशन के लिए प्रेरित करती है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल में डिजिटल इंडिया अभियान का और विस्तार करने के लिए पीएम वाणी स्कीम की भी शुरुआत की गयी है. इससे पूरे देश में सबके लिए क्वालिटी वाई-फाई कनेक्टिविटी संभव हो जायेगी. विज्ञान व्यक्ति के अंदर के सामर्थ्य को बाहर लाता है. यही स्प्रिट हमने कोविड वैक्सीन के लिए काम करने वाले हमारे वैज्ञानिकों में देखी है. हमारे वैज्ञानिकों कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमें बेहतर स्थिति में रखा है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज गांव में इंटरनेट यूजर की संख्या शहरों से ज्यादा है. गांव का गरीब किसान भी डिजिटल पेमेंट कर रहा है. आज भारत की बड़ी आबादी स्मार्ट फोन आधारित ऐप से जुड़ चुकी है.आज भारत ग्लोबल हाईटेक पावर के इवोल्यूशन और रिवॉल्यूशन दोनों का सेंटर बन रहा है.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि डिजिटल तकनीक के माध्यम से गरीब से गरीब को भी सरकार के साथ सीधे जोड़ा गया है. डिजिटल तकनीक से सामान्य भारतीयों को ताकत भी दी है और सरकारी सहायता की सीधी तेज डिलिवरी का भरोसा दिया है. बीते 6 साल में युवाओं को अवसरों से जोड़ने के लिए देश में साइंस और तकनीक के उपयोग का विस्तार किया गया है.
उन्होंने कहा कि साइंस और तकनीक भारत में अभाव और प्रभाव के गैप को भरने का बहुत बड़ा ब्रिज बन रही है. हाल में ही भारत ने वैभव समिट भी होस्ट की थी. महीने भर चली इस समिट में पूरी दुनिया से भारतीय मूल के वैज्ञानिकों और रिसर्चर को एक मंच पर इकट्ठा किया गया. इसमें करीब 23 हजार साथियों ने हिस्सा लिया, 700 घंटों से ज्यादा की डिस्कशन हुई.
प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में किये जा रहे बदलावों को कॉम्प्लिमेंट करने के लिए अटल इनोवेशन मिशन भी शुरू किया गया है. ये मिशन एक प्रकार से इंक्वायरी को, इंटरप्राइज को, इनोवेशन को सेलिब्रेट करता है.
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