हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh ) का औसतन हर तीसरा आदमी शराब और तंबाकू (Liquor and Tobaco) का सेवन करता है. शादीशुदा महिलाओं के प्रति पतियों की हिंसा (Domestic Violation) की दर पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी है. हालांकि कुछ अन्य तरह की घरेलू हिंसा में शहरी व ग्रामीण दोनों ही इलाकों में कमी भी आई है. यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) की रिपोर्ट में दी गई है. यह सर्वे हर पांच साल बाद कराया जाता है.
सर्वे के मुताबिक 18 से 49 साल की शादीशुदा महिलाओं पर उनके पतियों ने किसी न किसी तरह की हिंसा की. शहरी इलाकों में जहां 6 फीसदी महिलाएं इसका शिकार हुईं. वहीं, ग्रामीण इलाकों में ऐसी घटनाएं 8.7 फीसदी रहीं. यानी शहरों के मुकाबले गांवों में हिंसा ज्यादा हुई. ऐसी हिंसा का प्रदेश में औसतन आंकड़ा 8.3 फीसदी रहा. जो पांच साल पहले हुए सर्वे से बढ़ा हुआ है. 2015-16 के सर्वे में यह प्रतिशत 5.9 ही था.
शहरी और ग्रामीण इलाकों में गर्भवती महिलाओं के साथ होने वाली किसी भी तरह की हिंसा में कमी दर्ज की गई है. एनएफएचएस-5 के आंकड़ों के मुताबिक शहरी इलाकों में 18 से 49 साल की उम्र की महिलाओं में ऐसी हिंसा हुई ही नहीं. ग्रामीण इलाकों में ऐसी हिंसा का प्रतिशत 0.7 रहा. पूरे प्रदेश में ऐसी हिंसा का औसत 0.6 फीसदी रहा जो पिछले सर्वे (1.5 फीसदी) में ज्यादा दर्ज किया गया था.
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हेल्थ सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में 15 साल से अधिक उम्र के तकरीबन 32 फीसदी लोग शराब पीते हैं. शहरी इलाकों में जहां यह प्रतिशत 30 फीसदी है, वहीं ग्रामीण इलाकों में 32 फीसदी से ज्यादा है. इसी तरह पूरे प्रदेश में 32 फीसदी से ज्यादा लोग तंबाकू का सेवन करते हैं.
हालिया हेल्थ सर्वे बताता है कि महिलाएं भी शराब और तंबाकू का सेवन करती हैं. हालांकि इनकी संख्या पुरुषों के मुकाबले न के बराबर है. पूरे प्रदेश में जहां 1.7 फीसदी महिलाएं (15 से 49 साल की) तंबाकू खाती हैं. वहीं, महज 0.6 फीसदी महिलाएं ही शराब का सेवन करती हैं.
Posted By: Amlesh Nandan.