Jharkhand news, Bokaro news, बोकारो (सुनील तिवारी) : बोकारो स्टील प्लांट व सेल कर्मचारियों एवं अधिकारियों की टीम के लगातार कठिन परिश्रम, नयी- नयी तकनीकी, विकास, लागत में कमी, गुणवत्ता में सुधार एवं बाजार में सेल के उत्पाद की बढ़ती मांग के सम्मिलित कारकों के कारण इसके घाटे में कमी आ रही है. सेल चेयरमैन अनिल कुमार चौधरी के कुशल नेतृत्व में पिछले 3 साल से घाटे को पाटने में काफी मदद मिली है, जिसकी झलक सेबी के चार्ट में देखी जा सकती है. इसमें सेल के शेयर में 191 प्रतिशत का सुधार इसका स्पष्ट प्रमाण है. घाटे की भरपाई करने में सेल अव्वल स्थान पर है. इसी कारण से सेल का शेयर 60 रुपये आ गया है.
भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) की साख एक बार फिर मजबूत हो रही है. इसके शेयर भाव में उछाल जारी है. कोरोना संक्रमण काल में ही बाजार भाव मजबूत हो रहा है. संकट के दौर में 27 मार्च को बाजार भाव 21 रुपये था. देशी और विदेशी बाजार में सेल के स्टील की मांग बढ़ते ही शेयर मार्केट में भी उछाल आना शुरू हो गया. 16 दिसंबर को बाजार भाव 60 रुपये पर पहुंचा. वहीं, 15 दिसंबर को 58.55 रुपये बाजार भाव था. इसमें 2.92 फीसदी की उछाल के साथ 1.77 रुपये की वृद्धि दर्ज की गयी. इसी के साथ 60 रुपये पर 16 दिसंबर को बाजार बंद हो गया.
इससे पूर्व 12 अप्रैल, 2019 को 57 रुपये भाव था. इस आंकड़े को 18 माह बाद दोबारा पार किया गया है. शेयर मार्केट में उछाल लगातार बना हुआ है. लंबे समय से मार्केट में मंदी के बाद फिर से इस्पात की मांग बढ़ती जा रही है. निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. सरकारी परियोजनाओं ने भी रफ्तार पकड़ ली है. कोयले की कीमतों में गिरावट एवं इस्पात के भाव में उछाल की वजह से अधिक मुनाफा स्टील सेक्टर में है. यही वजह है कि इसका असर शेयर के भाव पर भी दिख रहा है. सेल ने बीएसएल सहित हर इकाइयों का उत्पादन बढ़ाने एवं गुणवत्तायुक्त उत्पाद पर फोकस किया हुआ है, जिसका फायदा भी सेल को मिल रहा है.
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शेयर मार्केट के जानकारों का कहना है कि सेल के शेयर भाव का भविष्य फिलहाल उज्ज्वल दिख रहा है. इस्पात उद्योग में जिस तरह से तेजी देखी जा रही है, निश्चित रूप से इसका बाजार भाव भी बेहतर होता रहेगा. शेयर मार्केट में कब उतार और चढ़ाव आ जाय, इसकी गारंटी कोई नहीं ले सकता है. मौजूदा हालात को देखकर यही लग रहा है कि इस वित्तीय वर्ष तक उछाल बरकरार रह सकती है. इसके बाद ही बाजार पर कोई प्रभाव पड़ सकता है. कोरोना संक्रमण की वजह से बंद पड़ी परियोजनाओं को फिर से चालू कर लिया गया है. इस्पात की मांग बढ़ती जा रही है. इससे ही कंपनी की साख भी बेहतर हुई है.
कोरोना संक्रमण काल में इस्पात उद्योग पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा था. चीन के कारखाने भी बंद हो गये थे. वहां के सहायक उद्योग को संभालने के लिए बीएसएल सहित सेल की कई इकाइयों ने इस्पात की आपूर्ति की थी. भारत में निर्माण कार्य में तेजी आते ही इस्पात का भाव तेज हो गया. इस प्रयास में बीएसएल अपना उच्च स्थान बनाये हुए है. इधर, आयरन ओर माइंस में पड़े वैसे महीन सूक्ष्म आयरन ओर, जिसका विशाल भंडार अभी बिक्री के लिए झारखंड सरकार की अनुमति के आदेश की प्रतीक्षा में रुके हुआ था. अब केंद्र सरकार के एक नोटिफिकेशन से दूर कर दिया गया है. इससे भी आमदनी में और वृद्धि होगी.
जिस रफ्तार से बोकारो स्टील की टीम निदेशक प्रभारी अमरेंदु प्रकाश के निर्देश एवं नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है. इसका असर इस तिमाही में बोकारो का संभावित लाभ करीब 1000 करोड़ से ज्यादा ही होने का अनुमान है. इसकी झलक 17 दिसंबर को हुई एनजेसीएस की बैठक में भी परिलक्षित हुई, जब प्रबंधन ने यूनियनों से इसी तरह सहयोग करने की अपील की, जैसा उन्हें मिल रहा है. सेल के लाभ में आने के बाद कर्मी एवं अधिकारी की लंबित मांग पूरी होने की उम्मीद बढ़ी है. इसको और लाभ में लाने और घाटे की भरपाई के लिए कई अन्य विकल्पों पर बीएसएल-सेल प्रबंधन विचार कर रहा है, जो आने वाले समय में दृष्टिगोचर होंगे.
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60.00 रुपये : 16 दिसंबर 2020
33.85 रुपये : 16 अक्टूबर 2020
21.65 रुपये : 03 अप्रैल 2020
51.05 रुपये : 24 जनवरी 2020
32.00 रुपये : 11 अक्टूबर 2019
44.85 रुपये : 08 फरवरी 2019
98.65 रुपये : 12 जनवरी 2018
81.20 रुपये : 10 नवंबर 2017
39.60 रुपये : 20 मई 2016
34.75 रुपये : 26 फरवरी 2016
47.45 रुपये : 18 दिसंबर 2015
Posted By : Samir Ranjan.
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