औरंगाबाद सदर. बिहार में पूर्ण शराबबंदी है, लेकिन फिर भी जिले में लोग जाम से जाम लड़ रहे हैं. तमाम पाबंदियों के बाद जिले में आज भी 25 प्रतिशत लोग शराब का सेवन कर रहे हैं. यह खुलासा नेशनल फैैमिली हेल्थ सर्वे पांच की रिपोर्ट से हुआ है.
रिपोर्ट के अनुसार शराबबंदी का असर जिले में न के बराबर है.आंकड़ों पर गौर करें तो फिलहाल जिले में 15 वर्ष से अधिक उम्र के 25 प्रतिशत लोग शराब का सेवन रेगुलर तौर पर करते हैं.
इनमें से 23.9 प्रतिशत पुरुष व 1.1 प्रतिशत महिलाएं हैं. महिलाओं की संख्या न के बराबर है. शराब के सेवन के मामले में पुरुष कई गुना आगे हैं.
रिपोर्ट के अनुसार ने जिले में नाबालिग भी शराब का सेवन कर रहे हैं. ये जो 25 फीसदी शराब पीने वाले लोग हैं इनमें 15 से18 वर्ष के युवा भी शामिल हैं.
एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट के अनुसार जिले की आधी आबादी तंबाकू का सेवन करती है. इनमें कई लोग ऐसे है जो खैनी, गुटखा, जर्दा तो कई गांजा और अन्य तंबाकू का सेवन करते है.
रिपोर्ट की माने तो जिले में 50 फीसदी लोग तंबाकू का सेवन कर रहे है. इनमें 15 साल से अधिक उम्र के लोग शामिल है. जिले में 46.7 प्रतिशत पुरुष और 3.3 प्रतिशत महिलाएं आम तौर पर तंबाकू का सेवन कर रहे है.
युवाओं में नशा का खूमार इस कदर बढ़ता जा रहा है कि अब कुछ युवा नशीली सूइयां भी ले रहे है. औरंगाबाद शहर में कई ऐसे जगह है जहां पर युवा नशीली सूइयां लेते है फिर वहीं फेंककर चले जाते है.
सदर अस्पताल के समाने एसएफसी के ऑफिस के पीछे फोर्टविन की शीशी,नंगी सूई और सिरिंज का अंबार लगा हुआ है. नगर पर्षद के पुराने ऑफिस,बियाडा का खंडहर मकान, गांधी मैदान,परिवहन विभाग का खंडहर भवन व अन्य कई जगहों पर नशा करने वाले लोगों का अडडा लगता है.
इसके अलावे हेरोइन और चरस जैसी नशीली पदार्थों का भी सेवन लोग कर रहे है. हाल ही में दाउदनगर में पुलिस ने भारी मात्रा में हेरोइन बरामद किया था.
Posted by Ashish Jha