नारनौल : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदेश के महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल तहसील में जल अधिकार रैली की. लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने सतलुज यमुना लिंक कैनाल को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ‘माइक्रो इरिगेशन’ के तहत जहां आज तक पानी नहीं पहुंचा है, आनेवाले वर्षों में वहां पानी पहुंचाने की गारंटी देते हैं. साथ ही उन्होंने हरियाणा की प्रसिद्ध खाद्य को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने की अपील लोगों से की.
जैसे पंजाब के अमृतसर का पराठा दुनिया में प्रसिद्ध है..क्या हम दक्षिण हरियाणा का बाजरे का रोट देसी घी के साथ बनाकर दुनिया में प्रसिद्ध नहीं कर सकते। बाजरे का चूरमा, बिस्कुट, लड्डू कुछ भी बनाओ, देशी घी में बनाओ। दुनिया उंगलियां चाटती रह जाएगी: हरियाणा CM मनोहर लाल खट्टर, नारनौल में pic.twitter.com/E0Dj4YYZ1B
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 20, 2020
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जैसे पंजाब के अमृतसर का पराठा दुनिया में प्रसिद्ध है. क्या हम दक्षिण हरियाणा के बाजरे का रोट देसी घी के साथ बनाकर दुनिया में प्रसिद्ध नहीं कर सकते. बाजरे का चूरमा, बिस्कुट, लड्डू कुछ भी बनाओ, देशी घी में बनाओ. दुनिया उंगलियां चाटती रह जायेगी.
जल अधिकार रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि किसानों के हक का पानी उन्हें जरूर मिलेगा. साथ ही कहा कि सतलज यमुना लिंक (एसवाईएल) के मुद्दे पर कांग्रेस भय का माहौल बनाती है, लेकिन अब यह भय ज्यादा दिन नहीं चलेगा.
SYL के मुद्दे पर कांग्रेस भय का माहौल बनाती है लेकिन अब यह भय ज्यादा दिन नहीं चलेगा। #JalAdhikarRallyhttps://t.co/6NnGsmDiqP pic.twitter.com/YJB9HnNXqG
— Manohar Lal (@mlkhattar) December 20, 2020
जल अधिकार रैली में उन्होंने सतलुज यमुना लिंक कैनाल और कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार द्वारा किसानों को दिये गये आश्वासन समेत कई महत्वपूर्ण विषयों पर पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि कुछ मुट्ठीभर राजनीति से प्रेरित लोग, जो किसानों के प्रतिनिधि नहीं हैं, वे इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आपस में किसी प्रकार की रुकावट बनी है, तो उसे हटा कर बात की जाये. आंदोलन को शांतिपूर्वक समाप्त करना हम सभी का काम है. साथ ही उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने के लिए कमेटी बनी और इस कमेटी का प्रधान भूपेंदर सिंह हुड्डा को बनाया गया, लेकिन रिपोर्ट को लागू करने की इनकी हिम्मत नहीं हुई.