साल बदलेगा तो नये साल में आपके जीवन से जुड़ी कई चीजें में भी बदलाव आयेगा. 1 जनवरी से चेक पेमेंट से जुड़े नियम भी बदल रहे हैं. नये साल में सिलेंडर की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो रही है जाहिर है नये साल से आपकी रसाई का खर्च बढ़ने की संभावना है हालांकि यह देखना होगा कि तेल कंपनियां सिलेंडर का दाम बढ़ाती है या नहीं. नये साल में हो रहे इन जरूरी बदलावों को समझना जरूरी है, पढ़ें क्या हो रहे हैं बदलाव.
बैकिंग में हो रहा है यह जरूरी बदलाव
नये साल में सरकार बैकिंग सुविधा में भी सुधार कर रही है. पॉजिटिव पे सिस्टम लागू किया जायेगा. इसमें अब चेक जारी होने के बाद भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से चेक की तारीख, लाभार्थी का नाम, प्राप्तकर्ता और पेमेंट की रकम के बारे में दोबारा जानकारी देनी होगी.
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यह जानकारी व्यक्ति एसएमएस, मोबाइल ऐप, इंटरनेट बैंकिंग या एटीएम जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दे सकता है. इन जानकारियों को पहले दी गयी जानकारियों से मिलाया जायेगा. अगर यह जानकारी आपस में नहीं मिली तो चेक पेमेंट रोक दिया जायेगा. 50,000 रुपये के ऊपर होने वाले सभी भुगतान में यह नियम लागू किया जाना है.
रसोई गैस की कीमत में होगा बदलाव
1 तारीख से सिलेंडर के दाम में बदलाव होगा. यह कहना मुश्किल है कि दाम बढ़ेंगे या घटेंगे. 1 जनवरी से यह बदलाव होना है. इस बार रसोई गैस की कीमत में 1 दिसंबर के बजाय 3 दिसंबर को दाम बढ़ाये गये थे. दिसंबर में दो बार रसोई गैस की कीमत बढञ चुकी है. दिसंबर के महीने में 100 की बढोतरी हुई है. अब देखना होगा की नये साल में रसोई गैस की कीमत में बढोतरी होती है या नहीं.
कम प्रीमियम में मिलेगी पॉलिसी
नये साल से आप सरल जीवन बीमा (स्टैंडर्ड टर्म प्लान) पॉलिसी खरीद सकेंगे. इसकी सबसे खास बात है कि आप इसे कम प्रीमियम पर खरीद सकेंगे. भारतीय बीमा विनियामक इरडा ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया जिसके बाद यह फैसला लिया गया है, इसमें टर्म प्लान खरीने का भी विकल्प होगा. इसमें सभी बीमा कंपनियां शर्तों और कवर की राशि बराबर होगी.
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जीएसटी जमा करने के तरीके में आयेगा बदलाव
सरकार ने छोटे करदाताओं केलिए तिमाही रिटर्न और मासिक भुगतान योजना शुरू की है. सरकार ने माल एवं सेवा कर में यह छूट दी है. जिनका पिछले वित्त वर्ष में वार्षिक कारोबार पांच करोड़ रुपये तक का रहा है.जिन्होंने अक्टूबर का जीएसटीआर-3बी (बिक्री) रिटर्न 30 नवंबर, 2020 तक जमा कर दिया है.
वही इस योजना का लाभ उठा सकेंगे. पांच करोड़ रुपये तक कर जमा करने वालों को मासिक आधार पर कर के भुगतान की इजाजत दी जा रही है. सरकार इन्हें राहत दे रही है ताकि कर जमा करने में इन्हें आसानी हो इस योजना के पात्र हैं। जीएसटी परिषद ने पांच अक्तूबर को हुई बैठक में कहा था कि पांच करोड़ रुपये तक के कारोबार .